Hindi, asked by yaralagaddasumedh, 18 days ago

पांच नीतिपारक दोहों का संकलन कीजिए और चित्र सहित उनके भावार्थ लिखिए

Answers

Answered by meghamegha434
1

Answer:

जीवन में मरना भला, जो मरि जानै कोय |

मरना पहिले जो मरै, अजय अमर सो होय ||

अर्थ : जीते जी ही मरना अच्छा है, यदि कोई मरना जाने तो। मरने के पहले ही जो मर लेता है, वह अजर-अमर हो जाता है। शरीर रहते-रहते जिसके समस्त अहंकार समाप्त हो गए, वे वासना - विजयी ही जीवनमुक्त होते हैं।

विज्ञापन

मैं जानूँ मन मरि गया, मरि के हुआ भूत |

मूये पीछे उठि लगा, ऐसा मेरा पूत ||

अर्थ : भूलवश मैंने जाना था कि मेरा मन भर गया, परन्तु वह तो मरकर प्रेत हुआ। मरने के बाद भी उठकर मेरे पीछे लग पड़ा, ऐसा यह मेरा मन बालक की तरह है।

भक्त मरे क्या रोइये, जो अपने घर जाय |

रोइये साकट बपुरे, हाटों हाट बिकाय ||

अर्थ : जिसने अपने कल्याणरुपी अविनाशी घर को प्राप्त कर लिया, ऐसे संत भक्त के शरीर छोड़ने पर क्यों रोते हैं? बेचारे अभक्त - अज्ञानियों के मरने पर रोओ, जो मरकर चौरासी लाख योनियों के बाज़ार में बिकने जा रहे हैं।

मैं मेरा घर जालिया, लिया पलीता हाथ |

जो घर जारो आपना, चलो हमारे साथ ||

अर्थ : संसार - शरीर में जो मैं - मेरापन की अहंता - ममता हो रही है - ज्ञान की आग बत्ती हाथ में लेकर इस घर को जला डालो। अपना अहंकार - घर को जला डालता है।

शब्द विचारी जो चले, गुरुमुख होय निहाल |

काम क्रोध व्यापै नहीं, कबूँ न ग्रासै काल ||

अर्थ : गुरुमुख शब्दों का विचार कर जो आचरण करता है, वह कृतार्थ हो जाता है। उसको काम क्रोध नहीं सताते और वह कभी मन कल्पनाओं के मुख में नहीं पड़ता।

जब लग आश शरीर की, मिरतक हुआ न जाय |

काया माया मन तजै, चौड़े रहा बजाय ||

अर्थ : जब तक शरीर की आशा और आसक्ति है, तब तक कोई मन को मिटा नहीं सकता। इसलिए शरीर का मोह और मन की वासना को मिटाकर, सत्संग रूपी मैदान में विराजना चाहिए।

मन को मिरतक देखि के, मति माने विश्वास |

साधु तहाँ लौं भय करे, जौ लौं पिंजर साँस ||

Kavya Logo

आज का काव्य

हलचल

आज का शब्द

आज का विचार

विश्व काव्य

सोशल मीडिया

मेरे अल्फ़ाज़

किताब समीक्षा

वीडियो

रचना भेजिए

Home › Kavya › Kavya Charcha › kabir ke shikshaprad dohe kabir ke prerak dohe arth sahit 10 shikshaprad dohe inspirational dohe in hindi with meaning kabir das ji ke dohe with meaning

विज्ञापन

कबीर के 10 बेहतरीन दोहे : देते हैं जिंदगी का असली ज्ञान

Amar Sharma अमर शर्मा

जिंदगी

Kavya Charcha

जीवन की महिमा

जीवन में मरना भला, जो मरि जानै कोय |

मरना पहिले जो मरै, अजय अमर सो होय ||

अर्थ : जीते जी ही मरना अच्छा है, यदि कोई मरना जाने तो। मरने के पहले ही जो मर लेता है, वह अजर-अमर हो जाता है। शरीर रहते-रहते जिसके समस्त अहंकार समाप्त हो गए, वे वासना - विजयी ही जीवनमुक्त होते हैं।

विज्ञापन

मैं जानूँ मन मरि गया, मरि के हुआ भूत |

मूये पीछे उठि लगा, ऐसा मेरा पूत ||

अर्थ : भूलवश मैंने जाना था कि मेरा मन भर गया, परन्तु वह तो मरकर प्रेत हुआ। मरने के बाद भी उठकर मेरे पीछे लग पड़ा, ऐसा यह मेरा मन बालक की तरह है।

भक्त मरे क्या रोइये, जो अपने घर जाय |

रोइये साकट बपुरे, हाटों हाट बिकाय ||

अर्थ : जिसने अपने कल्याणरुपी अविनाशी घर को प्राप्त कर लिया, ऐसे संत भक्त के शरीर छोड़ने पर क्यों रोते हैं? बेचारे अभक्त - अज्ञानियों के मरने पर रोओ, जो मरकर चौरासी लाख योनियों के बाज़ार में बिकने जा रहे हैं।

मैं मेरा घर जालिया, लिया पलीता हाथ |

जो घर जारो आपना, चलो हमारे साथ ||

अर्थ : संसार - शरीर में जो मैं - मेरापन की अहंता - ममता हो रही है - ज्ञान की आग बत्ती हाथ में लेकर इस घर को जला डालो। अपना अहंकार - घर को जला डालता है।

शब्द विचारी जो चले, गुरुमुख होय निहाल |

काम क्रोध व्यापै नहीं, कबूँ न ग्रासै काल ||

अर्थ : गुरुमुख शब्दों का विचार कर जो आचरण करता है, वह कृतार्थ हो जाता है। उसको काम क्रोध नहीं सताते और वह कभी मन कल्पनाओं के मुख में नहीं पड़ता।

जब लग आश शरीर की, मिरतक हुआ न जाय |

काया माया मन तजै, चौड़े रहा बजाय ||

अर्थ : जब तक शरीर की आशा और आसक्ति है, तब तक कोई मन को मिटा नहीं सकता। इसलिए शरीर का मोह और मन की वासना को मिटाकर, सत्संग रूपी मैदान में विराजना चाहिए।

मन को मिरतक देखि के, मति माने विश्वास |

साधु तहाँ लौं भय करे, जौ लौं पिंजर साँस ||

अर्थ : मन को मृतक (शांत) देखकर यह विश्वास न करो कि वह अब धोखा नहीं देगा। असावधान होने पर वह फिर से चंचल हो सकता है इसलिए विवेकी संत मन में तब तक भय रखते हैं, जब तक शरीर में सांस चलती है।

कबीर मिरतक देखकर, मति धरो विश्वास |

कबहुँ जागै भूत है करे पिड़का नाश ||

अर्थ : ऐ साधक! मन को शांत देखकर निडर मत हो। अन्यथा वह तुम्हारे परमार्थ में मिलकर जाग्रत होगा और तुम्हें प्रपंच में डालकर पतित करेगा

Similar questions