पांच औषधि वृक्षों के नाम और गुण
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बबूल के पत्ते के साथ-साथ इसकी गोंद और छाल भी बहुत फायदेमंद होती है। इसकी गोंद में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम होता है। और बबूल कफ और पित्त का नाश करने वाला होता है। इसके साथ ही बबूल के पेड़ की छाल और पत्तियों में टैनिन और गैलिक नामक एसिड होता है जिसके कारण इसका स्वाद कड़वा हो जाता है।
Answer:
नीम ,पीपल ,बरगद ,आंवला ,अर्जुन का पेड़
Explanation:
नीम
भारत में नीम का उपयोग एक औषधि के रूप में किया जाता है, आज के समय में बहुत सी एलोपैथिक दवाइयां नीम की पत्ती व उसकी छल से बनती है । नीम के पेड़ की हर अंग फायदेमंद होता है, बहुत सी बीमारियों का उपचार इससे किया जाता है । भारत में नीम का पेड़ घर में लगाना शुभ माना जाता है ।
नीम स्वाद में कड़वा होता है, लेकिन नीम जितनी कड़वी होती है, उतनी ही फायदे वाली होती है ।
पीपल
पीपल का पेड़ न केवल एक पवित्र धार्मिक वृक्ष है बल्कि इसे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उपयोगी माना जाता है। अब वैज्ञानिकों ने भी इस पेड़ को प्रकृति और आयुर्वेदिक दवाओं के लिए लाभकारी सिद्ध कर दिया है। यह विशाल पेड़ आपको 24 घंटे ऑक्सीजन प्रदान करता है इसलिये इसे औषधीय पेड़ों में से एक माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार पीपल का हर भाग जैसे तना, पत्ते, छाल और फल चिकित्सा के काम आता हैं। इनसे कई गंभीर रोगों का भी इलाज संभव है। पीपल रक्त पित्त नाशक, रक्त शोधक, सुजन मिटाने वाला, शीतल और रंग निखारने वाला है।
बरगद
बरगद का पेड़ घना एवं फैला हुआ होता है। इसकी शाखाओं से जड़े निकलकर हवा में लटकती हैं तथा बढ़ते हुए जमीन के अंदर घुस जाती हैं एंव स्तंभ बन जाती हैं। बरगद की जड़ों में एंटीऑक्सीडेंट सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। इसके इसी गुण के कारण वृद्धावस्था की ओर ले जाने वाले कारकों को दूर भगाया जा सकता है।
आंवला
आंवला प्राकृति का ऐसा नायाब तोहफा है जिससे शरीर की कई सारी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। आंवले में आयरन, विटामिन सी और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होने के कारण आंवले का जूस रोजाना लेने से पाचन दुरुस्त, त्वचा में चमक, त्वचा के रोगों में लाभ, बालों की चमक बढाने, बालों को सफेद होने से रोकने के अलावा और भी बहुत सारे फायदे मिलते हैं। आंवले के रस में संतरे के रस की तुलना में 20 गुना अधिक विटामिन सी पाया जाता है। आंवले का सबसे बड़ा गुण यह है कि इसे पकाने के बाद भी इसमें मौजूद विटामिन सी खत्म नहीं होता।
अर्जुन का पेड़
अर्जुन की छाल में अनेक प्रकार के रासायनिक तत्व पाये जाते हैं। कैल्शियम-सोडियम की प्रचुरता के कारण यह हृदय की मांसपेशियों के लिए अधिक लाभकारी होता है। अर्जुन शीतल, हृदय के लिए हितकारी, स्वाद में कसैला, घाव, क्षय, विष, रक्तविकार, मोटापा, कफ तथा पित्त को नष्ट करता है। अर्जुन के पेड़ की छाल को हृदय रोगों के लिए अमृत माना जाता है।
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