पांच प्रमुख कारकों की व्याख्या कीजिए जिन्होंने हमारे संविधान को बनाने में योगदान दिया
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दुनिया के सबसे बडे़ लोकतंत्र के लिये संविधान निर्माण कोई आसान काम नहीं था, तभी इसके निर्माण में 2 साल 11 महीने और 17 दिन लगे। इस दौरान 165 दिनों के कुल 11 सत्र बुलाये गये। देश की आजादी के कुछ दिन बाद 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा ने संविधान का मसौदा तैयार करने के लिये डॉं. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन किया। 26 नवंबर 1949 को हमारा संविधान स्वीकार किया गया और 24 जनवरी 1950 को 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर करके इसे अपनाया। इसके बाद जब 26 जनवरी 1950 को हमारा सिंवधान लागू किया गया तो उसके साथ ही संविधान सभा भंग कर दी गयी
तुम सब ये तो जान गये हो कि किस तरह हमारे संविधान का निर्माण हुआ, लेकिन अभी तक तुम्हारा उन लोगों से परिचय नहीं हुआ है, जिन्होंने हमें यह संविधान दिया। तो चलो जानते हैं इनके बारे में :
पंडित जवाहर लाल नेहरू
हमारे पहले प्रधानमंत्री थे नेहरू। हम इन्हीं के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में 14 नवंबर को मनाते हैं। ये संविधान सभा में राज्यों की समिति, संघीय शक्ति समिति और संघीय संविधान समिति के अध्यक्ष थे। इन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है। आजादी की लड़ाई में कूदने से पहले यह इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकालत करते थे।
सरदार वल्लभ भाई पटेल
लौहपुरुष के नाम से विख्यात सरदार पटेल मूलभूत अधिकारों, अल्पसंख्यक और कबाइली क्षेत्रों की सलाहकार समिति के अध्यक्ष थे। संविधान के निर्माण और भारत को आजादी के बाद एक झंडे के तले लाने में इनकी भूमिका सर्वोपरि है। आजादी के समय हमारा देश अलग-अलग रियासतों में बंटा था और सरदार पटेल ने इन्हें एकजुट किया। इन्होंने सत्याग्रह और आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी में हुआ था। ये भी पेशे से वकील थे। ये भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे। इनका निधन 15 दिसंबर 1950 को हुआ।
आचार्य जे बी कृपलानी
इन्हें आचार्य कृपलानी के नाम से जाना जाता है। ये संविधान सभा में मूलभूत अधिकारों की उपसमिति के अध्यक्ष थे। इनका जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था। ये मशहूर गांधीवादी, समाजवादी, पर्यावरणविद् और जमीन से जुडे़ स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर कॉलेज, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया था। इनका निधन 19 मार्च 1982 को हुआ। इनकी पत्नी सुचेता कृपलानी देश की पहली महिला
मुख्यमंत्री थीं।
सरोजिनी नायडू
भारत कोकिला के नाम से मशहूर सरोजिनी नायडू संविधान सभा की सदस्या थीं। वे संविधान सभा की पहली बैठक में मौजदू थीं। बंगाल विभाजन के दौरान ये कांग्रेस में शामिल हुईं और आजादी की लड़ाई में सक्रिय रहीं। इनका जन्म हैदराबाद में 13 फरवरी 1879 को हुआ और निधन 70 साल की उम्र में 2 मार्च 1949 को हुआ।
डॉं. बी आर अंबेडकर
ये संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष थे। इन्हें बाबा साहेब के नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। इन्हें संविधान का निर्माता माना जाता है। संविधान तैयार करने में इनका सबसे अधिक योगदान रहा है। इन्होंने जीवन भर अस्पृश्यता के खिलाफ संघर्ष किया। जीवन के अंतिम क्षणों में इन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार किया।
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