पंचायत विघटित होती है तो किस अवधि के अंदर निर्वाचन करना अनिवार्य होगा
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Answer:
पंचायत के विघटित हो है निम्लिखित अवधि में निर्वाचन होगा!
Explanation:
पंचायत एक परिचय
73वें संविधान संशोधन के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायती राज में प्रारम्भिक स्तर की संस्था ''ग्राम पंचायत'' सबसे महत्वपूर्ण संस्था है। ग्राम पंचायत ही निर्वाचित प्रतिनिधियों की एक ऐसी संस्था है जिसे जनता के आमने-सामने हो कर जवाब देना पड़ता है तथा अधिकांश कार्यकलापों के लिए निर्णय लेने हेतु पहले उनकी सहमति लेनी होती है।
मुखिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
मुखिया को ग्राम पंचायत के मतदाताओं की विशेष तौर से बुलाई गई बैठक में साधारण बहुमत (अर्थात् कुल मतदाताओं का 50प्रतिशत+1) से अविश्वास मत पारित कर हटाया जा सकता है। ऐसी विशेष बैठक हेतु ग्राम पंचायत के कुल मतदाताओं का न्यूनतम पाँचवा भाग यानि 20 प्रतिशत मतदाता एक आवेदन में हस्ताक्षर करके जिला पंचायत राज पदाधिकारी से अनुरोध करेंगे। जिला पंचायत राज पदाधिकारी बैठक की नोटिश जारी होने की तिथि के 15 दिन के अंदर विशेष बैठक आयोजित करेगा। बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा की जाएगी। परन्तु अविश्वास प्रस्ताव मुखिया के निर्वाचित होने (प्रथम बैठक यानि शपथ ग्रहण) के प्रथम दो वर्षों तक तथा ग्राम पंचायत के कार्यकाल के अंतिम छ: महीनों के शेष रहने के दौरान नहीं लाया जा सकता है। नियमानुसार मुखिया का अविश्वास प्रस्ताव यदि पारित नहीं होता है तो अगले एक वर्ष की कालावधि के भीतर पुन: अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है।
उप मुखिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
उप मुखिया को ग्राम पंचायत की विशेष तौर पर इस प्रयोजन से बुलाई गई बैठक में मुखिया सहित निर्वाचित कुल ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या में से साधारण बहुमत से हटाया जा सकता है। ऐसी विशेष बैठक बुलाने हेतु ग्राम पंचायत के कुल निर्वाचित सदस्यों की संख्या के कम-से-कम एक तिहाई सदस्यों के हस्ताक्षर से आवेदन मुखिया को दी जाएगी। आवेदन प्राप्त होने की तिथि से सात दिनों के अंदर मुखिया ग्राम पंचायत कार्यालय में इस प्रस्ताव पर विचार हेतु विशेष बैठक बुलाकर उस बैठक की अध्यक्षता करेगा। मुखिया की तरह ही उप मुखिया के विरूध्द भी पदावधि (प्रथम बैठक यानि शपथ ग्रहण) के पहले दो वर्षों तथा कार्यकाल के अंतिम छ: महीनों के दौरान अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। नियमानुसार उप मुखिया का अविश्वास प्रस्ताव यदि पारित नहीं होता है तो अगले एक वर्ष की कालावधि के भीतर पुन: अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है।
मुखिया/ उप मुखिया को सरकार द्वारा हटाया जाना
अधिनियम के प्रावधानानुसार सरकार के विचार में यदि कोई मुखिया अथवा उप मुखिया बिना समुचित कारण के तीन लगातार बैठकों में अनुपस्थित रहने या जान बुझकर इस अधिनियम के अधीन अपने कार्यों एवं कर्तव्यों को करने से इंकार या उपेक्षा करने,शक्तियों का दुरूपयोग करने, कर्तव्यों के निर्वहन में दुराचार का दोषी पाए जाने या शारीरिक और मानसिक रूप से अक्षम होने, किसी अपराधिक मामले का अभियुक्त होने के कारण छ: माह से अधिक फरार हो जाने का दोषी हो तो ऐसे मुखिया या उप मुखिया को स्पष्टीकरण हेतु समुचित अवसर प्रदान करने के उपरांत सरकार हटा सकती है। निहित शक्तियों के दुरूपयोग या अपने दायित्वों के निर्वहन में दुराचार का दोषी पाए जाने के फलस्वरूप हटाये गए मुखिया या उप मुखिया हटाये जाने की तिथि से पंचायत निकायों के किसी भी निर्वाचन में अगले पाँच वर्षों तक उम्मीदवार होने का पात्र नहीं होगा। शेष आरापों के आधार पर हटाया गया मुखिया या उप मुखिया या ग्राम पंचायत सदस्य के रूप में उसकी शेष अवधि के दौरान पुन: निर्वाचन का पात्र नहीं होगा।
पंचायत के सदस्यों का त्याग-पत्र
ग्राम पंचायत का कोई भी सदस्य ग्राम पंचायत के मुखिया को स्वयं लिखकर अपनी सदस्यता से त्याग-पत्र दे सकता है। सदस्य त्याग-पत्र देने की तिथि से सात दिनों के अंदर अपना त्याग-पत्र स्वयं लिखकर वापस मुखिया से ले सकता है। यदि सदस्य सात दिनों के अंदर त्याग-पत्र वापस नहीं लेता है तो उसका पद त्याग-पत्र की तिथि से सात दिन की समाप्ति पर रिक्त हो जाएगा।