Hindi, asked by shreya5284, 3 months ago

पाचल देश पहुंचकर विदुर ने क्या किया​

Answers

Answered by annakareena
1

Answer:

no hindi plz

Explanation:

Answered by singhaniket637
2

काट रहे पांडवों के से मिलने खुद भगवान श्री कृष्ण पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अर्जुन के क्रोध को शांत करते हुए कहा कि मैं ये नहीं चाहता की पांडवों की तरफ से पहले युद्ध का आहवाहन हो। लेकिन जब न्याय के सभी मार्ग बंद हो जाएंगे तो युद्ध अवश्य होगा। लेकिन कुरुवंश के योद्धाओं से जीतने के लिए तुम्हें दिव्य अस्त्रों की जरूरत होगी। यदि तुम्हारे पास दिव्य अस्त्र नहीं होंगे तो तुम पितामह और गुरुद्रोण जैसे योद्धाओं को युद्ध में परास्त नहीं कर पाओगे। जिसके बाद अर्जुन मे पहले इंद्र फिर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर दिव्य अस्त्र प्राप्त करने की ओर अपने कदम बड़ा दिए हैं।

वहीं इससे पहले पांडवों की हंसी उड़ाने दुर्योधन अपने मित्र अंगराज कर्ण के साथ वन में पहुंच गया। इसके बाद वहां उसने गंधर्वों की कन्या के साथ अशिष्ट व्यवहार करने का प्रयत्न किया। जिसके बाद गंधर्वों ने दुर्योधन को बंदी बना लिया। जिसके बाद दुर्योधन के अंग रक्षक ने इसकी सूचना युधिष्ठिर को दी तो भीम और अर्जुन ने दुर्योधन को गंधर्वों के बंधन से मुक्त कराया। इस बात की जानकारी जब भीष्म को पड़ी तो वो धृतराष्ट्र से इस बारे में बात करने पहुंचे। वहां उनके बाद दुर्योधन, कर्ण के साथ पहुंच गया। जहां कर्ण और द्रोण के बीच विवाद बढ़ गया और गुरु द्रोण ने कर्ण को दुर्योधन के गंधर्वों द्वारा बंदी बनाये जाने के उपरांत भागने का आरोप लगाते हुए उसे भगोड़ा बता दिया।

ADVERTISEMENT

जन्म से अंधा होना धृतराष्ट्र का भाग्य था। किंतु पुत्र मोह में उसे न्याय और अन्याय में अंतर दिखना भी बंद हो गया है। 12 वर्ष के वनवास तथा एक वर्ष के अज्ञात वास पर निकले पांडवों के विषय में पितामह की आज्ञा लेकर जब विदुर धृतराष्ट्र के पास पहुंचे और उनसे आग्रह किया कि विशेष परिस्थियों में पांडवों को वापस बुला लीजिए, तो धृतराष्ट्र ने ना सिर्फ विदुर पर क्रोध किया बल्कि उसने उनका परामर्श भी ठुकरा दिया। इतना ही नहीं धृतराष्ट्र नेे विदुर को बेइज्जत कर के हस्तिनापुर से निकाल दिया है। हालांकि इस बात की सूचना मिलते ही पितामह भीष्म ने हस्तिनापुर के सर्वनाश कि चिंता जताते हुए धृतराष्ट्र पर रोष व्यक्त करते हुए तुरंत विदुर को वापस बुलाने का आदेश दिया।

जिसके बाद धृतराष्ट्र ने अपने सारथी संजय को रथ सहित विदुर के पास भेज कर उसे वापस बुलवा लिया। उस वक्त विदुर पांडवों से मिलने वन में गए हुए थे। वहीं अपनी बेटी के साथ हस्तिनापुर में हुई निर्वस्त्र करने जैसे घिनौने अपराध के बारे में सुनकर पांचाली के पिता महाराज द्रुपद ने तुरंत अपने पुत्र दृष्टदूम सहित अपनी सेना तत्काल पांडवों के पास भेज दी। जिससे वो हस्तिनापुर पर तुरंत आक्रमण कर सकें। लेकिन पांचाली ने अपने भाई को समझा बुझा कर वापस अपने राज्य लौट जाने का परामर्श दे दिया।

पांचाली ने पांडवों से कहा कि समय के साथ तुम लोगों के अंदर प्रतिषोध की ज्वाला बुझती जा रही है।

पांचाली ने पांडवों से कहा कि समय के साथ तुम लोगों के अंदर दुर्योधन से बदला लेने की भावना खत्म होती जा रही है। जिसे देख कर मेरा हृदय फटा जा रहा है। इसके बाद युधिष्ठिर ने पांचाली को क्रोध पर काबू पाने का सुझाव दिया। लेकिन बलशाली भीम ने कहा कि क्रोध वक्त के साथ और बढ़ेगा। उस पापी दुर्योधन और दुशासन से हम बदला लेकर रहेंगे। जिसके बाद सभी पांडव खाने पर से उठ कर चले गए

If you want answer fast then follow and make me brillent

Similar questions