पूिा चलने के बटो ी , बाट की प चान कर ले | पुस्तकों में ैन ीं छापी गई उसकी क ानी , ाल इसका ज्ञात ोता ै न औरों की र्बानी | अनचगनत रा ी गए इस रा से उनका पता क्या – पर गए कुछ लोग इस पर छोड़ पैरों की ननशानी | य ननशानी मूक ोकर भी ब ुत कुछ बोलती ै , िोल इसका अथा पंथी , पंथ का अनुमान कर ले | पूिा चलने के बटो ी , बाट की प चान कर ले | य बुरा ैया कक अच्छा , व्यथा हदन इस पर बबताना , र्ो असंभि , छोड़ ि पथ , दसू रे पर पग बढ़ाना | तूइसे अच्छा समझ , यात्रा सरल इससे बनेगी सोच मत केिल तुझे ी , य पड़ा मन में बबठाना | र सफल पंथी य ी विश्िास ले इस पर बढ़ा ै , तूइसी पर आर् अपने चचत्त का अििान कर ले | पूिा चलने के बटो ी , बाट की प चान कर ले | (i) ‘बटो ी’ शब्द का क्या पयााय ै ? (1) (क) रा (ि) रा गीर (ग) बाूँटना (घ) बाूँटनेिाला
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free fire khelte ho toh id do meri hai Khushant5831
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