Science, asked by hp02029011424, 10 months ago

पाचन में पित्त रस की क्या भूमिका है​

Answers

Answered by sumeetsaha580
3

पित्त संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक तरल पदार्थ जो शरीर के अंतर्गत यकृत में बनता है । इसका रंग नीलापन लिए पीला और स्वाद कड़वा होता है । आयुर्वेद शास्त्र के त्रिदोषों (कफ, वात, पित्त) में एक । विशेष—इसकी बनावट में कई प्रकार के लवण और दो प्रकार के रंग पाए गए हैं । यह यकृत के कोषों से रसकर दो विशेष नालियों द्बारा पक्वाशय में आकर आहार रस से मिलता है और वसा या चिकनाई के पाचन में सहायक होता है । यदि पक्वाशय में भोजन नहीं रहता तो यह लौटकर फिर यकृत को चला जाता है और पित्ताशय या पित्त नामक उससे संलग्न एक विशेष अवयव में एकत्र होता रहता है । वसा या स्नेहतत्व को पचाने के लिये पित्त का उससे यथेष्ट मात्रा में मिलना अतीव आवश्यक है

Answered by sushilsharma1273
5

Answer:

भूमिका :

1. आमाशय से पक्वाशय मे आए हुए आहार रस की खटाई दूर करना ।

2. आंतों में भोजन को सड़ने ना देना ।

3. शरीर का तापमान स्थिर रखना ।

please like and follow.

pls mark as brainliest.

Similar questions