Hindi, asked by kanak9284, 1 month ago

पंचतंत्र की कहानियां

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Answered by sunismruti
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Answer:

बच्चों के कोमल मन में बातों को गहराई तक पहुंचाने का तरीका कहानियों से बेहतर और क्या हो सकता है। खासकर, पंचतंत्र की कहानियां, जिसमें बेहतर सीख, संस्कार व जीवन में अच्छी चीजों की ओर बढ़ने की प्रेरणा मौजूद होती है।पांच भागों में बंटी पंचतंत्र की कहानियां ही हैं, जो दोस्ती की अहमियत, व्यवहारिकता व नेतृत्व जैसी अहम बातों को सरल और आसान शब्दों में बच्चों तक पहुंचा कर उन पर गहरी छाप छोड़ जाती हैं। शायद यही वजह है कि अक्सर बचपन में सुनी कहानियां और उनकी सीख जीवन के अहम पड़ाव में मार्ग दर्शक के रूप में भी काम कर जाती हैं।हम कौआ-उल्लू के बीच का बैर, दोस्ती-दुश्मनी, दोस्तों के होने का लाभ, कर्म न करने से होने वाली हानि, हड़बड़ी में कदम उठाने से होने वाले नुकसान जैसी कई पंचतंत्र की कहानियां आप तक इस प्लेटफॉर्म के जरिए लेकर आ रहे हैं। आप इन कहानियों के माध्यम से बच्चों को खुशी देने और उनका मन बहलाने के साथ ही उनके अंदर नैतिकता व सदाचार के भाव को पहुंचा सकते हैं। तो देर किस बात की, अपने बच्चों को ये शिक्षाप्रद कहानियां सुनाते हुए अपने बचपन में खो जाइए।

Answered by mubashiramaryam3
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Explanation:

जंगल में एक शिकारी , शिकार करने आया उसने हिरण को पकड़ने के लिए जाल बिछाया।

काफी प्रयत्न और मेहनत से शिकारी ने जाल को छिपाकर लगाने सफलता पा ली। शिकारी के जाल में हिरण आसानी से फंस गया। इस पर कबूतर ने कहा घबराओ मत मित्र मैं देखता हूं शिकारी कहां है और कितनी दूर है मैं। मैं उसको रोकता हूं जब तक हमारा मित्र चूहा तुम्हारे जाल को कुतर देगा और तुम जल्दी से निकल जाओगे।

यही हुआ कबूतर ने शिकारी को ढूंढना शुरू किया।

वह दूर था कबूतर ने अपने प्राण को जोखिम में डालकर शिकारी के ऊपर वार करना शुरू कर दिया। कबूतर के प्रहार से शिकारी को कुछ समझ में नहीं आया और वह परेशान होकर बचने लगा मगर कबूतर शिकारी को ज्यादा देर तक रोक नहीं पाया।

शिकारी ने जल्दी ही कबूतर पर काबू पा लिया और वह जाल की ओर आया।

यहां चूहे ने जाल को लगभग काट दिया था अब हिरण आजाद होने वाला था , तभी शिकारी वहां पहुंचा इतने में कबूतर का एक झुंड वह जल्दी से आकर उस शिकारी के ऊपर ताबड़तोड़ आक्रमण कर दिया।

इस आक्रमण से शिकारी घबरा गया।

थोड़ा सा समय उन कबूतर पर काबू पाने में लगा। इतने मे चूहे ने निडर भाव से जाल को कुतर दिया जिससे हिरण आजाद हो गया। अब क्या था हिरण और चूहा अपने अपने रास्ते भाग चलें। कुछ दूर भागे होंगे उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो उनका मित्र कबूतर शिकारी के चंगुल में आ गया था।

हिरण ने सोचा उसने मेरी जान बचाने के लिए अपनी जान खतरे में डाल दी।

इस पर हिरण धीरे – धीरे लंगड़ाकर चलने लगा शिकारी को ऐसा लगा कि हिरण घायल है उसके पैर में चोट लगी है इसलिए वह धीरे धीरे चल रहा है , वह भाग नहीं सकता।

शिकारी ने झट से कबूतर को छोड़ दिया और हिरण की तरफ दौड़ा।

शिकारी को आता देख कबूतर उड़ कर आकाश में चल पड़ा हिरण जो अभी नकल कर रहा था वह भी तेज दौड़ कर भाग गया और चूहा दौड़ कर बिल में घुस गया।

इस प्रकार तीनों दोस्तों की सूझबूझ ने एक दूसरे की रक्षा की।

नैतिक शिक्षा –

आपसी सूझबुझ और समझदारी हो तो किसी भी मुसीबत का सामना किया जा सकता है।

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