पंचवटी कविता का भावार्थ
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पंचवटी' शीर्षक कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए। सारांश- चन्द्रमा की स्वच्छ चाँदनी पृथ्वी तल पर तथा आकाश में फैली हुई है। पृथ्वी पर हरित-दूब उगी हुई है। ... प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण पंचवटी पर श्रीराम की कुटी बनी हुई है।
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Kavita mein varnit Chandni Raat ka varnan Apne shabdon mein Karen
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