पंछी सपनों में क्या देख रहे हैं?
क) तरु के फूल
ख) फल और पत्तियां’
ग) तरु के फल
घ) तरु की फुनगी के झूले
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CHAPTER :- हम पंछी उन्मुक्त गगन के
EXPLANATION & ANSWER :- म पंछी उन्मुक्त गगन के पिंजरबद्ध न गा पाएँगे, कनक-तीलियों से टकराकर पुलकित पंख टूट जाएँगे। हम बहता जल पीनेवाले मर जाएँगे भूखे-प्यासे, कहीं भली है कटुक निबौरी कनक-कटोरी की मैदा से। स्वर्ण-शृंखला के बंधन में अपनी गति, उड़ान सब भूले, (बस सपनों में देख रहे हैं तरु की फुनगी पर के झूले।)
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