Hindi, asked by Thalleoussendaris, 10 days ago

पंछियों की साँसों की डोरी कब तनती है​

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Answered by GιяℓуSσυℓ
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- शिवमंगल सिंह 'सुमन'

"या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की डोरी।" इस पंक्ति में कवि ने बताया है कि पक्षी स्वतंत्र होकर क्षितिज यानी आकश और धरती के मिलन के स्थान तक जाने की इच्छा रखते हैं। वे या तो इसे प्राप्त करना चाहते हैं नहीं तो अपने प्राणों को न्योछावर कर दें

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