पिछले कुछ महीनों में देश में COVID-19 की स्थिति और खराब हो गई है। आपने लोगों की समस्याओं और कठिन परिस्थितियों के बारे में बहुत सारी खबरें सुनीं। इस महामारी में आपको कैसा लगा और देश कैसे प्रभावित हुआ, इसका वर्णन करते हुए एक अनुच्छेद लिखें।
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कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में लोग मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं. कोरोना वायरस संक्रमण और इसकी वजह से मरने वालों का आंकड़ा रोज़ाना तेज़ी से बढ़ रहा है.
शहर ही नहीं अब तो कई देश पूरी तरह लॉकडाउन की स्थिति में पहुंच चुके हैं. हज़ारों लोग क्वेरेंटाइन कराए गए हैं. अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है और बहुत से लोगों के रोज़गार छिन गए हैं.
यह स्थिति अभी कब तक रहेगी इस बारे में भी कुछ स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता लेकिन परेशान करने वाली इन तमाम ख़बरों के बीच कुछ ऐसी चीज़ें भी सामने आई हैं जिन्हें सकारात्मक बदलाव के तौर पर देखा जा सकता है.
1. प्रदूषण में कमी
कोरोना वायरस की वजह से कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति है और इस वजह से प्रदूषण के स्तर में कमी आई है.
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भारत में अकेले मई में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस के 88.82 से अधिक मामले सामने आए जो देश में अब तक संक्रमित 2.8 करोड़ से अधिक लोगों का 31.67 फीसदी है। इस तरह, यह इस महामारी के दौरान सबसे खराब महीना रहा। मई में इस बीमारी के चलते 1,17,247 लोगों की जान भी गई जो अब तक इस संक्रमण से हुई 3,29,100 मौंतों का 35.63 प्रतिशत है।
सात मई को 24 घंटे में अब तक कोविड-19 के सर्वाधिक 4,14,188 मामले सामने आये और 19 मई को सबसे अधिक 4529 मरीजों ने अपनी जान गंवायी। रोजाना नए मामले 17 मई से तीन लाख से नीचे रहे और देश में पिछले चार दिनों से प्रतिदिन दो लाख से कम मामले सामने आ रहे हैं। देश में 10 मई को सर्वाधिक 37,45,237 मरीज उपचाररत थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के हिसाब से आज भारत में पिछले 50 दिनों में सबसे कम 1,52,734 नए मामले सामने आये और संक्रमितों का आंकड़ा 2,80,47,534,तक चला गया जबकि उपचाररत मरीजों की संख्या घटकर 20,26,092 रह गई। सोमवार को 3128 मरीजों की जान चले जाने के साथ ही इस महामारी से अबतक 3,29,100 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।