पिछले कार्यपत्रिकाओं में आपने अनुप्रास अलंकार के बारे में पढ़ा था उसे इसी आधार पर प्रस्तुत करने के अनुप्रास अलंकार के दो उदाहरण छांट कर लिखिए
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अनुप्रास अलंकार की परिभाषा
जिस रचना में व्यंजनों की बार-बार आवृत्ति के कारण चमत्कार उत्पन्न होता है वहां पर अनुप्रास अलंकार होता है।
दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि-
अनुप्रास शब्द दो शब्दों के योग से बना हुआ है - अनु + प्रास, जहाँ पर अनु का अर्थ बार -बार और प्रास का तातपर्य - वर्ण है। अर्थात जब किसी वर्ण की बार-बार आवर्ती हो तब जो चमत्कार उतपन्न होता है उसे हम अनुप्रास अलंकार कहते है।
अनुप्रास अलंकार के उदाहरण
परीक्षा में पूछे गए अनुप्रास अलंकार के विभिन्न उदाहरण
जो खग हौं बसेरो करौं मिल,
कालिन्दी कूल कदम्ब की डारन।
कंकन किंकिन नूपुर धुनि सुनि।
कहत लखन सन राम हृदय गुनि। ।
मुदित महीपति मंदिर आये।
सेवक सचिव सुमंत बुलाये। ।
बंदऊं गुरु पद पदुम परागा।
सुरुचि सुबास सरस अनुरागा॥
अनुप्रास अलंकार का उदाहरण- Anupras Alankar Ka Udaharan
1. कर कानन कुंडल मोर पखा,
उर पे बनमाल बिराजति है।
इस काव्य पंक्ति में "क" वर्ण की 3 बार और "व" वर्ण की दो बार आवृति होने से चमत्कार आ गया है। आत: यहां पर अनुप्रास अलंकार Anupras Alankar होगा।
2. सुरभित सुंदर सुखद सुमन तुम पर खिलते हैं।
इस काव्य पंक्ति में पास-पास प्रयुक्त सुरभीत, सुंदर, सुखद और सुमन शब्दों में "स" वर्ण की वार वार आवृति हुई है। आत: यहां पर अनुप्रास अलंकार Anupras Alankar होगा।
3. तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये
यहां पर त वर्ण की आवृत्ति बार-बार आ रही है इसलिए यहां पर अनुप्रास अलंकार होगा।
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अनुप्रास अलंकार के भेद
१. छेकानुप्रास अलंकार
२. वृत्यानुप्रास अलंकार
३. लाटानुप्रास अलंकार
४. अन्त्यानुप्रास अलंकार
५. श्रुत्यानुप्रास अलंकार
$$$$अगर उत्तर अच्छा लगे तो थैंक्स और रेटिंग फाइव स्टार दे दे धन्यवाद
akshay tickoo khalifa.