Hindi, asked by athwalsunil898, 6 hours ago

पिछले दिनों पहाड़ी क्षेत्रो में कौन सी आपदा के कारण जान माल का काफी नुकसान हुआ​

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Answered by aakashvishwakarma932
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मानसून सीजन में हिमाचल में पिछले दो सप्ताह में हिमाचल में भारी नुकसान पहुंचा है। घर्मशाला में बादल फटने की घटना के बाद रविवार को किन्नौर जिला के बटसेरी के गुंसा के पास पहाड़ी दरकने की घटना से बाहरी राज्यों से आए 9 पर्यटकों की जान चली गई। यह हादसा इतना भयावह था कि इसमें एक टैंपो ट्रैवलर में सफर कर रहे लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला और इनकी मौके पर ही जान चली गई है। इस घटना में तीन अन्य लोग भी घायल हुए हैं।

पहाड़ी से दरके पत्थरों में जान गवाने वाले पर्यटकों में राजस्थान से 4, छत्तीसगढ़ से 2, महाराष्ट्र और दिल्ली से एक-एक पर्यटक शामिल है, वहीं एक की अभी पहचान नहीं हो पाई है। किन्नौर के जिला उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक, एसपी एसआर राणा भी मौके पर पहुंच गए हैं और बटसेरी के लोगों के साथ पुलिस और आइटीबीपी ने रेस्क्यू में जुटे हुए हैं। हालांकि पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं साथ ही बस्पा नदी पर बना पुल टुट गया है जिससे बस्पा नदी के पार के गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है।

किन्नौर निवासी निगम भंडारी ने बताया कि जिस स्थान पर यह घटना घटित हुई है वहां से घायलों को सड़क मार्ग से अस्पताल पहुंचाने में बहुत अधिक समय लगेगा इसलिए लोगों ने सरकार से घायलों को हैलीकाॅप्टर के माध्यम से शीघ्र अस्पताल पहुंचाने की मांग की, ताकि घायलों को बचाया जा सके। बटसेरी की घटना पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिला प्रशासन और पुलिस को राहत कार्य में तेजी लाने और घायलों को शिध्र अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था के आदेश दिए हैं।

मानसून सीजन में हिमाचल में यह दूसरी बड़ी घटना है जिसमें इतनी जानें गई हैं। इससे पहले हिमाचल के पर्यटन स्थल मैकलोडगंज और शाहपुर में बादल फटने की घटना में 10 लोगों की जानें जा चुकी हैं। वहीं राज्य आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट के मुताबिक 13 जून जब से प्रदेश में मानसून सीजन शुरू हुआ है तब से लेकर 25 जूलाई तक विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं में 186 लोगों की मौत हो चुकी है। प्राकृतिक आपदांओं की वजह से 376 जानवरों की जानें जाने के साथ 400 मकानों और कई सरकारी संपतियों और पुलों को नुकसान पहुंच चुका है।

गौरतलब है कि हिमाचल में मानसून की दस्तक के एक सप्ताह बाद ही 15 दिनों का ड्राई स्पैल रहा था लेकिन इसके बाद 11 जूलाई से प्रदेश में मानसून की रफ्तार पकड़ी है और प्रदेश में पिछले दो सप्ताह में भारी बारीश देखी जा रही है। मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 25 जुलाई को प्रदेश के 12 में 10 जिलों में यलो अलर्ट तो अगले तीन दिनों में किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोडकर सभी जिलों में ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान प्रशासन की ओर से लोगों को संभलकर रहने की हिदायत दी गई है, वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटकों को मौसम के खराब होने पर यात्रा न करने की सलाह दी गई है।

मौसम विभाग की ओर से दिए गए आंकडों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में पिछले एक माह में कुल्लु जिला को छोडकर सभी जिलों में सामान्य बताई गई है। मानसून सीजन में 273 एमएम बारीश दर्ज की गई है जिसे सामान्य माना जा रहा है। लेकिन पिछले एक माह में हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा, चंबा, कुल्लु और लाहौल स्पीति में बादल फटने की घटनांए भी देखी गई हैं। जिसमें जान माल का नुकसान हो चुका है।

चाइना बॉर्डर के साथ सटा किन्नौर जिला प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टी से संवेदनशील जनजातीय जिले में हिमाचल प्रदेश के सबसे अधिक जलविद्युत परियोजनाएं हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि जब से उनके जिले में ये परियोजनांए आई हैं तब से जिले में भूस्खलन, बाढ़, बादल फटना और पहाड़ी दरकने की घटनाओं में बेहद वृद्धि हुई है जिससे अभी तक लोगों का भारी नुकसान पहुंच चुका है।

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