Hindi, asked by devkeshav138, 6 months ago

पंडित अलोपीदीन इस अगाध वन के शेर थे यहां पर आगाध वन किसे कहा गया है? *

class 11 ch namak ka daroga ​

Answers

Answered by piyushsharm31
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  • पं. अलोपीदीन अपने क्षेत्र के नामी-गिरामी सेठ थे। सभी लोग उनसे कर्ज लेते थे।
  • उनको व्यक्तित्व एक शोषक-महाजन का सा था, पर उन्होंने सत्य-निष्ठा का भी मान किया।
  • उनके व्यक्तित्व की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं लक्ष्मी उपासक – उन्हें धन पर अटूट विश्वास था।
  • वे सही-गलत दोनों ही तरीकों से धन कमाते थे।
  • नमक का व्यापार इसी की मिसाल है।
  • साथ ही वे कठिन घड़ी में धन को ही अपना एकमात्र हथियार मानते थे।
  • उन्हें विश्वास था कि इस लोक से उस लोक तक संसार का प्रत्येक काम लक्ष्मी जी की दया से संभव होता है।
  • इसीलिए वंशीधर की धर्मनिष्ठा पर उन्होंने उछल-उछलकर वार किए थे. ईमानदारी के कायल – धन के उपासक होते हुए भी उन्होंने वंशीधर की ईमानदारी का सम्मान किया।
  • वे स्वयं उसके द्वार पर पहुँचे और उसे अपनी सारी जायदाद सौंपकर मैनेजर के स्थाई पद पर नियुक्त किया।
  • उन्हें अच्छा वेतन, नौकर-चाकर, घर आदि देकर इज्ज़त बख्शी।

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Answered by probrainsme102
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Answer:

भ्रष्टाचार

Explanation:

नमक का दरोगा (नमक निरीक्षक) महान भारतीय लेखक मुंशी प्रेमचंद की एक छोटी कहानी है। कहानी का मुख्य विषय ईमानदारी की कीमत है। कहानी ब्रिटिश काल के दौरान की है, उन दिनों नमक पर भारी कर लगाया जाता था और लोग सचमुच भारी मुनाफा कमाने के लिए इसकी तस्करी करने लगे थे।

#SPJ2

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