'पंडित भया न कोई' से कवि का क्या तात्पर्य हैं ?
(a)कोई पंडित नहीं बन पाया
(b)कोई सदाचारी नहीं बन पाया
(c)कोई संन्यासी नहीं बन पाया
(d)किसी को सच्चा ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ
Answers
Answered by
1
Answer:
your answer must be (a)
Answered by
1
Answer:
(a) कोई पंडित नही बन पाया |
Similar questions