पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवन- यात्रा पर essay of 200 words
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पण्डित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म जयपुर के ग्राम धनकिया में 25 सितम्बर 1916 को हुआ था । उनके पिता भगवतीप्रसाद उपाध्याय स्टेशन मास्टर थे । बचपन में ही माता और पिता का देहावसान हो जाने पर उनके मामा राधारमण शुक्ल ने ही उनका लालन-पालन किया । उनकी मेधावी प्रतिभा शक्ति का परिचय तब हुआ, जब उन्होंने अजमेर बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान लेकर उत्तीर्ण की ।
पिलानी राजस्थान से इंटरमीडियट की परीक्षा प्रथम श्रेणी में तथा कानपुर के सनातन धर्म कॉलेज से प्रथम श्रेणी में बी०ए०, आगरा के सेंट जोन्स कॉलेज से एम०ए० की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करके अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय दिया । विद्यार्थी जीवन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रभावित होकर उसमें शामिल होने का निर्णय ले लिया । लखीमपुर से जिला प्रचारक के रूप में 1942 में पद भार लेकर आजीवन उन्हीं के सिद्धान्तों पर चलते रहे ।
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