Hindi, asked by Anonymous, 9 days ago

पिंडर नदी के बारे मैं अनुच्छेद लिखें।​

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Answered by nagarjunabarik71
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Answer: गंगा की पांच प्रारंभिक नदियों में से एक पिंडर उत्तराखण्ड में प्रवाहित होती है. इस नदी का उद्गम हिमालय के पिंडारी नामक ग्लेशियर से होता है, जो कि राज्य के बागेश्वर जिले के कुमाऊं क्षेत्र के अंतर्गत आता है. पिंडर नदी को ‘कर्ण गंगा’ के नाम से भी जानते हैं. यह नदी अलकनंदा की प्रमुख सहायक नदी व गंगा की उप सहायक नदी है, जो कि गढ़वाल मंडल के चमोली जिले के अंतर्गत कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है, जो कि पंचप्रयागों व प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है.

पर्वतीय क्षेत्रों पर बहने वाली पिंडर नदी की जलधारा उत्तराखण्ड तक ही सीमित है तथा यह नदी राज्य के अंतर्गत ही संक्षिप्त सफ़र तय करती है. यह अलकनंदा की उन पांच सहायक नदियों में से एक है, जो कि पंचप्रयाग का निर्माण करती हैं. अपने उद्गम से निकलकर पिंडर नदी कुछ कि.मी. बहते हुए कर्णप्रयाग नामक स्थान पर अलकनंदा नदी में मिल जाती है, जो कि देवप्रयाग में भागीरथी से मिलकर आगे गंगा नदी के रूप में प्रवाहित होती है. पिंडरी के अलावा चार अन्य नदियां (विष्णुगंगा, मंदाकिनी, नंदाकिनी व धौलीगंगा) चार प्रयागों पर अलकनंदा नदी से मिलती हैं.

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