पांडवों के विजय में नगरवासी क्या विचार रखते थे
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प्रश्न 1: गंगा ने शांतनु से कहा-“राजन! क्या आप अपना वचन भूल गए?” तुम्हारे विचार से शांतनु ने गंगा को क्या वचन दिया होगा?
उत्तर : सम्भवत: राजा शांतनु ने गंगा को यह वचन दिया होगा कि वे गंगा के किसी भी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करेंगे तथा उसकी इच्छा का सम्मान करेंगे।
प्रश्न 2: महाभारत के समय में राजा के बड़े पुत्र को अगला राजा बनाने की परपंरा थी। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए बताओ कि तुम्हारे अनुसार किसे राजा बनाया जाना चाहिए था-युधिष्ठिर या दुर्योधन को? अपने उत्तर का कारण बताओ।
उत्तर : पांडु भरत वंश के राजा थे। उनकी मृत्यु के पश्चात् युधिष्ठिर को राजा बनना चाहिए था परन्तु युधिष्ठिर की आयु कम होने के कारण उनके बड़े होने तक राज्य की ज़िम्मेदारी धृतराष्ट्र को दी गई थी। युधिष्ठिर के बड़े होने के पश्चात् न्यायोचित तो यही था कि युधिष्ठिर को उनका कार्य-भार सौंप दिया जाता। अत: भरत वंश की परंपरा के अनुसार राज्य पद के अधिकारी युधिष्ठिर ही थे।
प्रश्न 3: महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए कौरवों और पांडवों ने अनेक प्रयास किए। तुम्हें दोनों के प्रयासों में जो उपयुक्त लगे हों, उनके कुछ उदाहरण दो।
उत्तर : युद्ध जीतने के लिए कौरवों तथा पांडवों दोनों ने प्रयास किए हैं।
कौरवों द्वारा किए गए प्रयास :-
(1) युद्ध में पितामह भीष्म तथा गुरू द्रोणाचार्य को सेना का नेतृत्व सौंपना।
(2) दुर्योधन का कृष्ण के पास युद्ध के लिए सहायता मांगने जाना।
(3) चक्रव्यूह की रचना करना
(4) अर्जुन को दूर भेजना
पांडवों द्वारा युद्ध के लिए किए गए प्रयास :-
(1) कर्ण का वध।
(2) दुःशासन का वध।
(3) दुर्योधन के भाई युयुत्सु पर विश्वास कर युद्ध में सम्मिलित करना।
(4) कृष्ण का साथ माँगना।
(5) अभिमन्यु द्वारा चक्रव्यूह तोड़ना।
प्रश्न 4: तुम्हारे विचार से महाभारत के युद्ध को कौन रूकवा सकता था? कैसे?
उत्तर : महाराज धृतराष्ट्र उस समय भरत वंश के राजा थे। उनकी आज्ञा का पालन करना प्रजा का कर्तव्य था। यदि वे निश्चय के पक्के होते तो अपने पुत्रों को आज्ञा देकर युद्ध को टाल सकते थे। परन्तु एक राजा होते हुए भी अपने राज्य के भविष्य के हित में वे कोई दृढ़ निश्चय नहीं कर पाए।
प्रश्न 5: इस पुस्तक में से कोई पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर : पाठ पर आधारित मुहावरे :-
(1) वज्र के समान गिरना – (अधिक कष्ट होना) अपमान के कटु वचन उसके हृदय पर व्रज के समान लगे।
(2) जन्म से बैरी – (घोर शत्रुता होना) दोनों भाई इतना लड़ते हैं, मानो जन्म से बैरी हो।
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please tell me chapter name .