Hindi, asked by nups9118, 1 year ago

पढ़ेगी बेटी तो सुखी होगा परिवार पर बदा निबंध

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Answered by Subodh786
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आज हमारे समाज में कई तरह के ऐसे मशीन की उपलब्धता हो गयी है जिसके द्वारा ये पता चल जाता है की किसी गर्ववती के पेट में लड़का है या फिर लड़की! ऐसी मशीन के कारण बहुत से लोग जन्म से पहले ये पता लगा लेते है की गर्ववती के पेट में लड़का है या फिर लड़की! अगर गर्ववती के पेट में लड़की होती है तो उसकी पेट में ही हत्या करवा देते है! ऐसा करने से दिन प्रतिदिन हमारे समाज में लकडियो का % पुरुषो के मुकाबले कम होती जा रही है! किसी गर्ववती के पेट में मशीन के द्वारा ये पता करना लड़का है या फिर लड़की एक घोर अपराध है अगर आप ऐसा करते पकडे जाते है तो आपके ऊपर कड़ी कार्यवाई की जायगी! ऐसा करने से आपको जेल भी हो सकती है! इस समाज का एक बढ़िया नागरीक होने के नाते हमारा ये कर्तब्य बनता है की हमको गर्ववती महिला की कभी भी लिंग जांच ना करवाये! जब तक हमारे समाज में लड़का और लड़की के बीच का भेदभाव नहीं खत्म होगा तब तक ना ही हमारे समाज में महिला सम्मान बढेगा और ना ही हमारे देश का विकाश होगा! भारत सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढाओ तहत लिंग जांच करवाने पर रोक लगाने की कोशिश की है! 1991 में जंहा भारत में हर 1000 लडको में 945 लडकिय थी! लेकिन आज के समय में  1000 लडको में 918 लडकिया होती है! ये हमारे लिए एक बहुत ही गंभीर समस्या है! हमारे देश में लडकियों को दर हर साल कम होता जा रहा है! इसी दर को कम करने के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढाओ स्कीम की सुरुवात की गयी है! हमारे देश के हर एक राज्य में पुरुषो की संख्या महिला की संख्या से ज्यादा है! हमारा देश पुरुषप्रधान देश बनता जा रहा है! और हमारे देश में महिला की संख्या कम होती जा रही है! इस समस्या को हम हलके में नहि ले सकते है! अगर हम इस समस्या को ignor कर देंगे तो आने वाले time में हमको कई बुरी समस्या का सामना करना पड़ सकता है! इसलिए इस समस्या को हम ignor नहीं कर सकते है!

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