पाहुन जो आए हो गांव में शहर के |मेघ आए बड़े बन ठन के सवर के|| निम्नलिखित पंक्तियों में उत्प्रेक्षा अलंकार स्पष्ट कीजिए
dhurvrana8:
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बादल बहुत बन-ठन कर गांव में आए हैं, जिस प्रकार शहर का दामाद बहुत बन ठनकर गांव में आता है। शिल्प सौंदर्य : प्रस्तुत काव्यांश में मेघों का मानवीकरण किया गया है। 'बड़े बन ठन के' में 'ब' वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है तथा 'पाहुन ज्यों आए हो' में उत्प्रेक्षा अलंकार है।
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