पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की कोई तीन विशेषताएं लिखिए
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पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की विशेषताएं इस प्रकार है |
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों पर निजी स्वामित्व होता है। इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में बाजार में निर्गत को बेचने के लिए उत्पादन किया जाता है। ... पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में सभी प्रकार की क्रियाओं का मुख्य उद्देश्य लाभ अर्जन करना होता
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पूंजीवादी अर्थव्यवस्था वाले देश के उदाहरण है- अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जापान, सिंगापुर, ब्रिटेन, रूस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, स्वीडन,स्विट्जरलैंड इत्यादि पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का विभाजन पुनः दो वर्गों में किया जाता है।
Explanation:
पूंजीवाद एक आर्थिक व्यवस्था है। इस व्यवस्था में सरकार की बाजार को नियंत्रित करने में कोई खास सक्रिय भूमिका नहीं होती है। पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन या निर्माण के साधन मुख्य रूप से निजी स्वामित्व में होते हैं।
पूंजीवाद की विशेषताएं
हमें अक्सर पूंजीवाद के बारे में आलोचना सुनने को मिलती है, लेकिन पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की विशेषताएं और फायदे भी हैं, जैसे –
निजी संपत्ति – पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में आप अपनी संपत्ति के मालिक होते हैं। इसमें उपकरण, भूमि, मशीनों और कारखानों जैसे निर्माण के सभी संसाधनों का स्वामित्व निजी व्यक्तियों के पास हो सकता है।
मूल्य निर्धारण – पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में कंपनियां और उद्योग बाजार की मांग और आपूर्ति के आधार पर उत्पादों की कीमतें निर्धारित करते हैं। मूल्य निर्धारण किसी भी प्रकार के बाहरी हस्तक्षेप जैसे सरकारी और अन्य बाहरी कारकों से मुक्त होता है।
उद्योगों की स्वतंत्रता – आप अपनी पसंद के उद्योंग का चयन कर बाजार में उतर सकते हैं और अन्य उद्योगों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इसमें आप बिना किसी प्रतिबंध के अपने लाभ और आय का प्रबंधन कर सकते हैं।
ग्राहक की संप्रभुता – पूंजीवादी बाजार में ग्राहकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पूंजीवादी बाजार में ग्राहकों की मांग और इच्छाओं के आधार पर उत्पादों का मूल्य निर्धारण किया जाता है। इसके अलावा प्रतिस्पर्धा के चलते ग्राहक को कम से कम मूल्य पर सर्वोत्तम उत्पाद और सेवाएं मिल सकती हैं।
लाभ का उद्देश्य – पूंजीवादी व्यवस्था में उद्योगों का मुख्य उद्देश्य अधिकतम लाभ कमाना होता है। इस कारण उद्योग सर्वोत्तम वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं और इसका सीधा लाभ ग्राहकों को होता है।
स्वतंत्रता – पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में ग्राहक अपनी इच्छा के अनुसार कोई भी सामान किसी भी कंपनी से खरीद सकते हैं तथा कारोबारी कोई भी कारोबार बिना किसी हस्तक्षेप के कर सकता है।