पूंजीवाद क्या है इसके गुण दोष वर्णन करें
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पूंजीवाद की विशेषताएं:
निजी स्वामित्व और उत्पादन के आर्थिक उपकरणों का नियंत्रण, यानी, Capital। लाभ बनाने के लिए आर्थिक गतिविधि की गियरिंग-मुनाफे का अधिकतमकरण। नि: शुल्क बाजार अर्थव्यवस्था- एक बाजार ढांचा जो इस गतिविधि को नियंत्रित करता है। पूंजी के मालिकों द्वारा मुनाफे का विनियमन।
Answer:
☯︎पूंजीवाद:-
❥︎पूंजीवाद एक आर्थिक व्यवस्था है। इस व्यवस्था में सरकार की बाजार को नियंत्रित करने में कोई खास सक्रिय भूमिका नहीं होती है। पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन या निर्माण के साधन मुख्य रूप से निजी स्वामित्व में होते हैं। जिन व्यक्तियों के पास निर्माण के साधन जैसे कारखाने, मिल, उद्योग आदि होते हैं, वो इनसे उत्पादित माल को बेचकर लाभ प्राप्त करते हैं। पूंजीवाद व्यक्तियों को अपने लाभ और आय का प्रबंधन करने का अवसर प्रदान करता है।
☯︎पूंजीवाद के लाभ
✈︎प्रतिस्पर्धा – पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में विभिन्न उद्योग अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए अधिक ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं। इससे उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धा का जन्म होता है, जिससे ग्राहकों को कम कीमत पर अच्छी सुविधा मिलती है।
✈︎नवाचार – पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में उद्यम उत्पादों में ग्राहकों की रूचि बनाए रखने और कम कीमत पर अच्छा उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए हमेशा नवाचार करते रहते हैं। इससे व्यवसायों में रचनात्मकता और दक्षता आती है और ग्राहकों का लाभ होता है।
☯︎पूंजीवाद के नुकसान
✈︎एकाधिकार – इस व्यवस्था मेंकभी-कभी कुछ वस्तुओं पर एक ही व्यक्ति का स्वामित्व हो जाता है। कोई और प्रतिद्वंद्वी न होने के कारण कई बार कंपनियां ग्राहकों का शोषण कर सकती हैं।
✈︎रोज़गार की समस्या – पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाजार होने से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए पढ़े-लिखे और दक्ष लोगों को रोज़गार उपलब्ध होता है। विकलांग, बुजुर्ग और कौशल विहीन लोग हाशिए पर ढकेल दिए जाते हैं।