पा
जग है असार सुनती हूँ मुझको सुख - सार दिखाता ।
मेरी आँखों के अगे सुख का सागर लहराता ।
उत्साह उमंग निरंतर रहते मेरे जीवन में ।
उल्लास विजय का हँसता मेरे मतवाले मन से |
प्रश्न:-
1. असार क्या है ?
2.आँखों के आगे क्या लहराता है ?
3.किसके जीवन में उत्साह और उमंग निरंतर रहते हैं ?
4. इस कविता का सही शीर्षक क्या है ?
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please mark me brilliant. .....
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