पिंजरे में बंद पक्षी की मनोदशा का वर्णन कीजिए।
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बंद पक्षी-- बहुत जलन होता है मुझको तुम्हारी आजादी देखकर। ... बंद पक्षी-- पता नहीं यह मानव मुझे इस पिंजरे में बंद करके क्यों रखा है? स्वतंत्र पक्षी-- यह उनका पंक्षी प्रेम है । बंद पक्षी-- मुझे तकलीफ़ में रखकर वह प्रेम दिखाते हैं।
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बहुत सारे लोगो को पक्षी पालना बहुत पसंद होता है.इसलिए वे अक्सर अपने घर में चिड़िया,कबूतर या तोते को पाल लेते है.पर हमारे वास्तुशास्त्र में पक्षियों को घर में पालने से मना किया गया है.वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में पक्षियों को पिंजरे में बंद नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपके परिवार के लोगो के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है और इसके अलावा घर में नकारात्मक ऊर्जा भी फैलती है.आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देने जा रहे है की आखिर क्यों घर में पक्षियों को पिंजरे में बंद करके नहीं रखना चाहिए.
पक्षी हमेशा खुले आकाश से ही प्रेम करते है.और अगर उन्हें पिंजरे में बंद कर दिया जाये तो वो पिंजरा उनके लिए जेल के समान हो जाता है.हमारे धर्मशास्त्रों में पक्षियों को दाना खिलाना बहुत ज़्यादा पुण्य का काम माना जाता है. इसलिए अगर आप पक्षियों को पिंजरे में बंद कतरे है तो पाप के भागीदारी बन जाते हैं. अगर किसी भी पक्षी को पिंजरे में बंद कर दिया जाये तो वह बहुत हिंसक हो जाता है और ऐसा होना घर में नकारात्मक उर्जा फैलने का कारन बन सकता है.
पक्षियों को सुख समृद्धि और सफलता के सूचक माना जाता है.और अगर इन्हें ही पिंजरे में बंद कर दिया जायेगा तो ये घर में स्थिरता, आर्थिक हानि का कारण बन सकते हैं.