पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए,
आँधी चली,धूल भागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन उठा नदी ठिंठकी ,घूँघट सरकाए
मेघ आये बड़े बन ठन के सँवर के I
(‘मेघ आए’ – ‘सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ’)
(i) प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने किसके आने का वर्णन किया हैं एवं वे किसकी तरह बन- ठन के
सँवर के आये हैं ?
(ii) ‘पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए’- पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए ?
(iii) नदी का मानवीकरण किस प्रकार किया है ?मेघों के आने पर नदी की क्या प्रतिक्रिया हुई ?
(iv) मेघों के आने पर प्रकृति में क्या –क्या परिवर्तन दिखाई दिए ? समझाकर लिखिए I
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DR . PEANUT DUH IS IN YOUR AREA SO PREPARE MUWAHAHAHH
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