पाकिस्तान में सेना और लोकतंत्र को समझाइए ?
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नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। भारत और पाकिस्तान दोनों देश एक साथ आजाद हुए थे। दोनों देशों को आजाद हुए 70 साल का वक्त गुजर गया है। लेकिन एक तरफ भारत में लोकतंत्र की जड़ें लगातार मजबूत होती चली गईं और दूसरी तरफ पाकिस्तान में बार-बार लोकतंत्र का गला घोंटा गया। असल में पाकिस्तान के लिए लोकतंत्र एक अबूझ पहेली ही रहा है। यहां लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारें कम और सैन्य तानाशाह ज्यादा रहे हैं। पाकिस्तान अपनी तरह का इकलौता ऐसा देश है, जहां जनता भी सेना से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को बर्खास्त करने की मांग करती दिखती है। एक बार फिर पाकिस्तान में लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पूर्व में किए गए अपने घोटालों के कारण कुर्सी गंवानी पड़ी है, लेकिन ऐसा पाकिस्तान में बार-बार होता रहा है।
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here is your answer mate !!!
Explanation:
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। भारत और पाकिस्तान दोनों देश एक साथ आजाद हुए थे। दोनों देशों को आजाद हुए 70 साल का वक्त गुजर गया है। लेकिन एक तरफ भारत में लोकतंत्र की जड़ें लगातार मजबूत होती चली गईं और दूसरी तरफ पाकिस्तान में बार-बार लोकतंत्र का गला घोंटा गया। असल में पाकिस्तान के लिए लोकतंत्र एक अबूझ पहेली ही रहा है। यहां लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारें कम और सैन्य तानाशाह ज्यादा रहे हैं। पाकिस्तान अपनी तरह का इकलौता ऐसा देश है, जहां जनता भी सेना से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को बर्खास्त करने की मांग करती दिखती है। एक बार फिर पाकिस्तान में लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पूर्व में किए गए अपने घोटालों के कारण कुर्सी गंवानी पड़ी है, लेकिन ऐसा पाकिस्तान में बार-बार होता रहा है।