पुंकेसर के भागों के नाम लिखें।
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Explanation:
सामान्यतः फूलों के अनेक भागों में एक ग्रंथि होती है जिसे पराग ... हैं, नर फूलों में लंबे लंबे पुंकेसर रेशे होते हैं जो की अन्तक में खुले :
Explanation:
बाह्यदलपुंज (Calyx) :सेपल (sepal) का बाह्य वोर्ल; आदर्श रूप में ये हरे होते हैं, पर कुछ नस्लों में पंखुडी रूपी भी होते हैं।
Corolla: पंखुडी का वोर्ल दलपुंज (petal), जो कि ज्यादातर पतले, कोमल और रंगीन होते हैं ताकि परगन (pollination) की प्रक्रिया की मदद के लिए कीटों को आकर्षित कर सकें.
ऍनड्रोसियम (Androecium) (यूनानी ऍनड्रोस ओइकिया : मनुष्य के घर): पुंकेसर (stamen) के एक या दो वोर्ल, प्रत्येक एक रेशा (filament) होता है जिसके ऊपर परागाशय (anther) होता है जो जिसमें पराग (pollen) का उत्पादन होता है। पराग में पुरूष जननकोश (gamete) विद्यमान होते हैं
जैनाइसियम (Gynoecium) स्त्रीकेसर (यूनानी से जैनायीकोश ओइकिया : महिला का घर): जो कि एक या उससे ज्यादा गर्भकेसर (pistil) होते हैं। स्त्रीकेसर (carpel) मादा प्रजनन अंग हैं, जिसमे अंडाशय के साथ पूर्वबीज (जिनमें मादा जननकोष होते हैं) भी होते हैं। एक जायांग में कई कार्पेल एक दुसर में सलग्न हो सकते हैं, ऐसे मामलो में प्रत्येक फूल का एक स्त्रीकेसर, या एक व्यक्तिक कार्पेल (तब फूल को एपोकार्पस कहा जाता है) स्त्रीकेसर का लसलसा अग्र भाग- स्त्रीकेसर (stigma) पराग का ग्राही होता है सहायक डंठल, यह शैली पराग नली (pollen tube) के लिए रास्ता बन जाती है ताकि वे पराग के दानो से अंडकोष के लिए प्रजनन के सामान को ले जाते हुए निर्मित हो सकें.