पा का सरल तिहार नागर' कविता के प्राम ४ पक्तियो अर्थ लिखिए| मर ता गिरधर पाल काइ।
Answers
Answered by
2
Answer:
Areeee i don't understand your question....
Answered by
0
Answer:
मीराबाई अपने गिरिधर गोपाल श्री कृष्ण की उपासना में तल्लीन होकर कहती हैं कि जिन्होंने माथे पर मोरपंख का मुकुट धारण कर रखा है मेरे तो स्वामी वहीं हैं । लोग कहते हैं मैंने कुल की मर्यादा छोड़ दी है, लोक लाज छोड़ दी है और साधु-संतों के बीच आ गई हूँ। मैं तो अपने स्वामी की भक्ति में डूबकर आनंद की अनुभूति कर रही हूँ। जिस तरह दूध को बिलोकर मक्खन निकाल लिया जाता है उसी तरह स्वामी की भक्ति में मन को बिलोकर उनकी छवि का मक्खन मैंने पा लिया है । मैं ताे अपने गिरिधर की ही दासी हूँ उन्ही के मोह में रंग गई हूँ ।
Similar questions