Hindi, asked by pramodbhaisingh6, 2 months ago

पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए:-

मानव को ईश्वर बनना था, निखिल सृष्टि वश में लानी,काम अधूरा छोड़, कर रहा
आत्मघात मानव ज्ञानी सब झूठे हो गए निशाने तुम मुझसे छूटे तो क्या!​

Answers

Answered by yadavsuhani849328
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Explanation:

इस पंक्ति में कवि कहते है की मनुष्य किस तरह अपनी प्रगति की रहा से भटककर गुमराह हो गया है |

मनुष्य ने विज्ञान के क्षेत्र में अनोखी सिद्धिया प्राप्त कर ली है | इन सिद्धिया के बल पर वह स्वय को ईश्वर समजने लगा | ऐसी सिद्धियोंवाले देश सारी दुनिया पर अपना अधिकार करने के फेर में पड़ गए | उन्होने ईश्वर बनने की राह छोड दी और अपना ही विनाश करने लगे | कवि कहता है की जब सबने अपनी राह छोड़ दी तो में अगर भटक गया तो इसमें मेरा क्या दोष ?

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