पंखाजूर मेले पर एक निबंध लिखे
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पखांजूर (निप्र)। परलकोट क्षेत्र का प्रसिद्ध नर-नारायण सेवाश्रम मेले का बुधवार को मकर संक्रांति के पावन अवसर पर शुभारंभ हो गया। छह-सात दिनों तक चलने वाले इस मेले में करीब चार-पांच लाख लोग पहुंचते हैं। ईश्वर का अवतार माने जाने वाले स्वामी सत्यानंद परमहंस के अनुयायियों द्वारा 51 वर्ष पूर्व इस मेले की शुरुआत की गई थी। तब से अब तक प्रत्येक मकर संक्रांति से यह मेला प्रारंभ होता आ रहा है। इसमें देश सहित विदेश से भी श्रद्घालु पहुंचते हैं। यहां करोड़ों का कारोबार होता है।
शुरुआत में यह मेला केवल एक दिन का होता था। समय के साथ इसका भी समय बढ़ने लगा और आज छह-सात दिन का मेला होता है। इसमें हर साल करीब चार-पांच लाख लोग देश के विभिन्न इलाकों से पहुंचते हैं। परलकोट का यह सुप्रसिद्ध मेला न केवल श्रद्घालुओं की आस्था और हुजूम के लिए जाना जाता है बल्कि इस मेले में रिकार्ड कारोबार भी होता है। इस मेले में स्थानीय सहित बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से व्यापारी पहुंचते हैं।
बांग्लादेश के फरितपुर जिले के दक्षिण खालिया ग्राम में जन्मे स्वामी सत्यानंद की बाल्यकाल से ही ईश्वर के प्रति आस्था था। परिवार और सांसारिक मोह-माया को त्याग उन्होंने बहुत ही कम उम्र में वैराग्य का मार्ग अपना लिया था। बहुत ही तेजस्वी होने के कारण बड़ी तेजी से उनके शिष्यों की संख्या बढ़ने लगी। कम उम्र में ही उन्होंने उपदेश देना शुरू कर दिया था। स्वामीजी का तेज देख क्षेत्र सहित देश के कई स्थानों में अनुयायी उन्हें ईश्वर का अवतार मानकर पूजा करते हैं।