English, asked by ayush181940, 8 months ago

पंखा सुखी रहे । उनमें कलव्यपरायणता
की भावना थी​

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Answered by akanshaagrwal23
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Explanation:

मनुष्य अपने कर्मो से महान बनता है। कर्महीन मनुष्य जीवन में कुछ नहीं कर पाता। कर्तव्य परायणता मनुष्य को महान बनाती है। मर्यादा पुरसोत्तम राम ने अपने कर्तव्य को कभी नहीं भूला। अपने कर्तव्य और आज्ञा के पालन के लिए वे जंगल में दर-दर भटकते रहे। किंतु अपने पिता के वचनों का सम्मान किया।

राम जैसा चरित्र दुनिया में दूसरा देखने में नहीं आता। राम का त्याग और बलिदान सबसे श्रेष्ठ है। यह उद्गार मुनिश्री अजित सागर जी महाराज ने दिगंबर जैन धर्मशाला में अपने मंगल प्रवचनों में व्यक्त किए। इस अवसर पर शाकाहार उपासना परिसंघ के सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी रही।

Answered by yo1231
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Answer:

The correct answer to this question is सुखी

Explanation:

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