Hindi, asked by soyalhyderali, 4 hours ago

'पुल बनी थी माँ' कविता की इन पंक्तियों का आशय लिखें।
हम भाइयों के बीच
पुल बनी थी माँ
जिसमें आए दिन
दौड़ती रहती थी बेधड़क
बिना किसी हरी लाल बत्ती के
हम लोगों की छुक छुक छक छक​

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Answered by shreshtaTJ
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उत्तर:पुल बनी थी माँ : बदलते पारिवारिक संबंधों की आलोचना

उत्तर:पुल बनी थी माँ : बदलते पारिवारिक संबंधों की आलोचनाकविता ‘पुल बनी थी माँ’ बूढ़े-बुजुर्गों के प्रति उत्तरदायित्वों से विमुख होती जा रही नई पीढ़ी के व्यवहार को दर्शाता है। कविता में माँ के पुल होने और पुल से बोझ बनने की हालत पर चर्चा की गई है।

उत्तर:पुल बनी थी माँ : बदलते पारिवारिक संबंधों की आलोचनाकविता ‘पुल बनी थी माँ’ बूढ़े-बुजुर्गों के प्रति उत्तरदायित्वों से विमुख होती जा रही नई पीढ़ी के व्यवहार को दर्शाता है। कविता में माँ के पुल होने और पुल से बोझ बनने की हालत पर चर्चा की गई है।माँ भाइयों के बीच पुल बनी थी। पुल दो किनारों को आपस में जोड़ता है। माँ परिवार के हर सदस्य को आपस में जोड़नेवाली कड़ी रही। इस माँ रूपी पुल से बच्चों की जिंदगी रूपी रेल गाड़ी बेरोकटोक चलती रही। पिता के चल बसने के बाद भी भाइयों के बीच माँ पुल बनी रही। माँ धीरे-धीरे टूटने लगी। यानी मानसिक रूप से वह धीरे-धीरे कमज़ोर होती गई। उसके शरीर पर बुढ़ापे का असर दिखने लगा। वह शारीरिक रूप से भी

उत्तर:पुल बनी थी माँ : बदलते पारिवारिक संबंधों की आलोचनाकविता ‘पुल बनी थी माँ’ बूढ़े-बुजुर्गों के प्रति उत्तरदायित्वों से विमुख होती जा रही नई पीढ़ी के व्यवहार को दर्शाता है। कविता में माँ के पुल होने और पुल से बोझ बनने की हालत पर चर्चा की गई है।माँ भाइयों के बीच पुल बनी थी। पुल दो किनारों को आपस में जोड़ता है। माँ परिवार के हर सदस्य को आपस में जोड़नेवाली कड़ी रही। इस माँ रूपी पुल से बच्चों की जिंदगी रूपी रेल गाड़ी बेरोकटोक चलती रही। पिता के चल बसने के बाद भी भाइयों के बीच माँ पुल बनी रही। माँ धीरे-धीरे टूटने लगी। यानी मानसिक रूप से वह धीरे-धीरे कमज़ोर होती गई। उसके शरीर पर बुढ़ापे का असर दिखने लगा। वह शारीरिक रूप से भीकमज़ोर होने लगी थी। एक ही बात को माँ बार-बार कहने लगी। बच्चे इस आदत को उनके बढ़ते हुए बुढापे की निशानी मानकर जीने लगे। उसकी आवाज़ कमज़ोर होती रही। वह धीरे-धीरे दुर्बल होती रही।

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