पॉलीमर और प्लास्टिक में क्या अंतर है
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Explanation:
वह प्रक्रम जिसमें बड़ी संख्या में सरल अणु एक-दूसरे से संयोग करके उच्च अणु भार का एक ब्रहत अणु (large molecule) बनाते हैं, बहुलकीकरण (polymerisation) कहलाता है तथा इस प्रक्रम के फलस्वरूप बने उच्च अणु भार के यौगिक को बहुलक (polymer) कहते हैं. जिन सरल अणुओं के संयोजन से बहुलक बनता है एकलक (monomers) कहलाते हैं.
समान प्रकार के एकलक अणुओं से बने बहुलक समबहुलक (homopolymers) तथा भिन्न प्रकार के एकलक अणुओं से बने बहुलक सहबहुलक (copolymer) कहलाते हैं.
एकलकों (monomers) से बहुलकों (polymers) की रचना योग बहुलकीकरण (addition polymerisation) या संघनन बहुलकीकरण (condensation polymerisation) द्वारा होती है. योग बहुलकीकरण में एकलक एक-दूसरे से जुड़कर श्रंखलाएं बनाते हैं. संघनन बहुलकीकरण में एकलक अणुओं का एक-दूसरे से संयोग होने पर जल या अन्य सरल अणुओं का विलोपन (elimination) होता है.
प्राकृतिक वातावरण में मौजूद बहुत अधिक पॉलिमर हैं और वे बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. विभिन्न प्रयोजनों के लिए संश्लेषित पॉलिमर (synthetic polymer) व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. पॉलिथिलीन (Polyethylene), पॉलीप्रोपाइलीन (polypropylene), पीवीसी (PVC), नायलॉन (nylon), और बैकलेइट (Bakelite) कुछ सिंथेटिक पॉलिमर हैं. आइये इनके बारे में अध्ययन करते हैं.