प्लासी के युद्ध के किन्ही चार कारणों का उल्लेख कीजिए।
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प्लासी युद्ध के कारण
प्लासी का युद्ध भारतीय इतिहास में अंग्रेजों के प्रभुत्व के प्रसार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। जिसके कारण हैं –
सिराजुद्दौला की अलोकप्रियता
सिराजुद्दौला का चारित्रिक बुराईयों से परिपूर्ण था। वह क्रूर, अत्याचारी, चंचल प्रकृति, हठी और अति विलासी व्यक्ति था। उसने अपने स्वभाव से अपने ही संबंधियों और दरबारियों को अपना शत्रु बना लिया था। उसने अपनी धार्मिक कट्टरता और अनुदारता से भी अनेक हिन्दू व्यापारियों को अपना शत्रु बना लिया था।
अंग्रेजों की साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षा
दक्षिण में कर्नाटक और हैदराबाद में जिस राजनीतिक हस्तक्षपे से अंग्रेजों ने प्रभुत्व और भ-ू भाग प्राप्त किये थे उससे उनमें साम्राज्य विस्तार की महत्वाकांक्षा बढ़ गयी थी। वे बंगाल में भी अपने साम्राज्य के विस्तार के लिये किसी दुर्बल उम्मीदवार का पक्ष लेकर उसे शासक बनाकर अपना स्थायी प्रभुत्व स्थापित करना चाहते थे। वे ऐसा नवाब चाहते थे जो फ्रांसीसियों के विरोध में हो एवं उनके पक्ष में हो और अंग्रेजों को सभी राजनीतिक और व्यापारिक सुविधाएं प्रदान करे। मीरजाफर नवाब सिराजुद्दौला के विरोध में था और वह स्वयं नवाब बनने का महत्वाकाक्ष्ं ाी हो गया था। अतएव अंगे्रजों ने उससे मिलकर नवाब के विरुद्ध शड़यंत्र रचा।
फ्रांसीसियों के विषय में अंग्रेजों का भय
इस समय बंगाल में अंग्रेजों की तुलना में फ्रांसीसियों की स्थिति दृढ़ थी। उनका व्यापार भी ठीक चल रहा था और चन्द्रनगर तथा हुगली में उनकी कोठियाँ और व्यापारिक केन्द्र थे। अलीनगर की अपमानजनक सन्धि के प’चात् सिराजुद्दौला अंग्रेजों से रुष्ट हो गया था और जब अंग्रेजों ने चन्द्रनगर पर आक्रमण कर उसे अपने अधिकार में कर लिया, तो सिराजुद्दौला की सहानुभूि त फ्रांसीसियों के प्रति हो गयी और उसने फ्रांसीसियों को शरण अैर संरक्षण दिया। इससे अंग्रेजों की यह धारणा दृढ़ हो गयी कि नवाब सिराजुद्दौला फ्रांसीसियों की सहायता से शीघ्र ही उन पर आक्रमण कर देगा
सिराजुद्दौला के विरुद्ध षड्यंत्र
उल्लेखनीय है कि मीरजाफर नवाब बनने का महत्वाकांक्षी था। उसे नवाब बनाने के लिये अप्रेल 1757 में गुप्त रूप से अंग्रेज अधिकारी वाटसन, क्लाइव और मीरजाफर के बीच प्रसिद्ध धनाढ़य व्यापारी अमीरचन्द के द्वारा एक गुप्त समझौता हुआ। जिसके अनुसार अंग्रेज मीरजाफर को नवाब बनावेंगे और नवाब बनने के बाद वह अंग्रेजों को वे सभी सुविधाएं व अधिकार प्रदान करेगा जो उनको पहिले के नवाब के समय प्राप्त थीं। वह अंग्रेज कम्पनी को क्षतिपूर्ति के लिये एक करोड़ रुपये देगा। वह फ्रांसीसियों की कोठियों को अंग्रेजों को दे देगा और उनको पुन: बंगाल में बसने नहीं देगा। अंग्रेजों को ढाका, कासिम बाजार, हुगली, कलकत्ता आदि स्थानों की किलेबन्दी करने का अधिकार होगा। नवाब कलकत्ते की खाई के चारों और 600 गज भूि म जमींदारी के रूप में तथा चौबीस परगनों की जमींदारी कम्पनी को प्रदान करेगा। यदि नवाब अंग्रेजी सेना की सहायता प्राप्त करेगा तो उसे इस सेना का व्यय भी वहन करना पड़ेगा। इस प्रकार मीरजाफर ने विश्वसघात करके सिराजुद्दौला को राजसिंहासन से उतारने का शड़यंत्र किया।
प्लासी के युद्ध के चार कारण |
1. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का मज़बूत होना
2. नवाब सिराज-उद-दौला के द्वारा 146 अंग्रेज़ो की हत्या
3. ब्रिटिश लोगो के मौत का बदला लेने की भावना
4. डच और फ्रांसीसी का बंगाल मे रूचि का बढ़ना |
Explanation:
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की भारत में मद्रास में फोर्ट सेंट जॉर्ज के तीन मुख्य स्टेशनों, कलकत्ता में फोर्ट विलियम और पश्चिमी भारत में बॉम्बे कैसल के साथ भारत में एक मजबूत उपस्थिति थी। नवाब सिराज-उद-दौला और ब्लैक होल नरसंहार द्वारा ब्रिटिश-नियंत्रित कलकत्ता पर हमले से पहले लड़ाई हुई थी | सिराज-उद-दौला और अंग्रेजों के बीच संघर्ष और संदेह प्लासी की लड़ाई में परिणत अंग्रेजों ने अब नवाब पर भारी प्रभाव डाला और फलस्वरूप व्यापार से पिछले नुकसान और राजस्व के लिए महत्वपूर्ण रियायतें हासिल कीं। अंग्रेजों ने आगे चलकर इस राजस्व का उपयोग अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के लिए किया और अन्य यूरोपीय औपनिवेशिक शक्तियों जैसे कि डच और फ्रांसीसी को दक्षिण एशिया से बाहर धकेल दिया, इस प्रकार ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार हुआ।