प्लास्टिक का ज्यादा उपयोग ही अब धरती के लिए अभिशाप बन गया है इस कथन कि पुष्टि कीजिए
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Answer:
प्लास्टिक का ज्यादा उपयोग ही अब धरती के लिए अभिशाप बन गया है
Explanation:
प्लास्टिक का प्रयोग न केवल हमारे लिए अपितु पर्यावरण के लिए भी विनाशकारी साबित हो रहा है एक तरफ तो वो वातावरण को प्रदूषित कर रहा है और दूसरी तरफ धरती के भीतर जल को, प्लास्टिक के जलाने से उत्पन्न धुएं से ओजोन परत को भी काफी नुकसान होता है जिसके परिणामस्वरूप ग्लोबल वार्मिंग जैसी कठिन समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
Answer:
दशकों पहले लोगों की सुविधा के लिये प्लास्टिक का आविष्कार किया गया लेकिन धीरे-धीरे यह अब पर्यावरण के लिये ही नासूर बन गया है। प्लास्टिक और पॉलीथीन के कारण पृथ्वी और जल के साथ-साथ वायु भी प्रदूषित होती जा रही है। हाल के दिनों में मीठे और खारे दोनों प्रकार के पानी में मौजूद जलीय जीवों में प्लास्टिक के केमिकल से होने वाले दुष्प्रभाव नजर आने लगे हैं। इसके बावजूद प्लास्टिक और पॉलीथीन की बिक्री में कोई कमी नहीं आई है।हम इस्तेमाल के बाद बड़ी बेपरवाही से प्लास्टिक की बोतलें या दूसरे सामान फेंक देते हैं. ... पूरी दुनिया में हर साल पैकेजिंग के लिए क़रीब आठ करोड़ टन प्लास्टिक तैयार की जाती है. ये उद्योग क़रीब दो सौ अरब डॉलर का है. आठ करोड़ टन प्लास्टिक का बेहद मामूली हिस्सा ही रिसाइकिल होता है.