Hindi, asked by banani2112p8zd4n, 1 year ago

"प्लास्टिक के प्रयोग पर पाबंदी" विषय पर पंक्तियाँ लिखीए।

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Answered by Anonymous
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प्लास्टिक कचरे से पर्यावरण को पहुंचने वाले खतरों का अध्ययनअनेक समितियों ने किया है। प्लास्टिक थैलों के इस्तेमाल से होने वाली समस्यायें मुख्य रूप से कचरा प्रबंधन प्रणालियों की खामियों के कारण पैदा हुई हैं। अंधाधुंध रसायनों के इस्तेमाल के कारण खुली नालियों का प्रवाह रूकने, भूजल संदूषण आदि जैसी पर्यावरणीय समस्यायें जन्म लेती हैं। प्लास्टिक रसायनों से निर्मित पदार्थ है जिसका इस्तेमाल विश्वभर में पैकेजिंग के लिये होता है, और इसी कारण स्वास्थ्य तथा पर्यावरण के लिये खतरा बना हुआ है। यदि अनुमोदित प्रक्रियाओं और दिशा-निर्देशों के अनुसार प्लास्टिक की रिसाइक्लिंग (पुनर्चक्रण) किया जाए तो पर्यावरण अथवा स्वास्थ्य के लिये ये खतरा नहीं बनेगा।

प्लास्टिक मूल रूप से विषैला या हानिप्रद नहीं होता। परन्तु प्लास्टिक के थैले रंग और रंजक, धातुओं और अन्य तमाम प्रकार के अकार्बनिक रसायनो को मिलाकर बनाए जाते हैं। रंग और रंजक एक प्रकार के औद्योगिक उत्पाद होते हैं जिनका इस्तेमाल प्लास्टिक थैलों को चमकीला रंग देने के लिये किया जाता है। इनमें से कुछ कैंसर को जन्म देने की संभावना से युक्त हैं तो कुछ खाद्य पदार्थों को विषैला बनाने में सक्षम होते हैं। रंजक पदार्थों में कैडमियम जैसी जो भरी धातुएं होती हैं वे फैलकर स्वास्थ्य के लिये खतरा साबित हो सकती हैं।

प्लास्टिक थैलियों के विकल्प के रूप में जूट और कपड़े से बनी थैलियों और कागज की थैलियों को लोकप्रिय बनाया जाना चाहिए और इसके लिए कुछ वित्तीय प्रोत्साहन भी दिया जाना चाहिए। यहां, ध्यान देने की बात है कि कागज की थैलियों के निर्माण में पेड़ों की कटाई निहित होती है और उनका उपयोग भी सीमित है। आदर्श रूप से, केवल धरती में घुलनशील प्लास्टिक थैलियों का उपयोग ही किया जाना चाहिये। जैविक दृष्टि से घुलनशील प्लास्टिक के विकास के लिये अनुसंधान कार्य जारी है।
Answered by Anonymous
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पॉलीथीन को दूर हटाओ,

कागज़-जूट को अपनाओ।

ज़हरीला है इसका रंग,

धरती को कर दे बदरंग।।

डॉक्टर बार-बार बतलाए,

पॉलीथीन से कैंसर हो जाये।

जले तो धुआँ फैलाए,

कहीं दम न घुट जाए।।


कभी न करो इसका उपयोग,

पनपे इस से अनेकों रोग।

जब भी आप बाज़ार में जाएँ,

थैला कपड़े का ही अपनाएं।।

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