Hindi, asked by rdisha562, 4 months ago

प्लास्टिक मेरे तो गिरधर गोपाल कविता​

Answers

Answered by shailja96
0

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

जाके सर मोर मुकुट मेरो पति सोई

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

कोई कहे कारो, कोई कहे गोरो

कोई कहे कारो, कोई कहे गोरो

लियोन हे अक्खियां को

कोई कहे हलकों, कोई कहे भरो

कोई कहे हलकों, कोई कहे भरो

लियोन हे तराजू टोल

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

कोई कहे छानी, कोई कहे छावनी

कोई कहे छानी, कोई कहे छावनी

लियोन हे पचंता टोल

तन का गहना मैं सब कुछ दिन

तन का गहना, सब कुछ दिन

दियो है बाजूबंद खोल

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

जाके सर मोर मुकुट मेरो पति सोई

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

Answered by janhvi23
0

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई॥

जाके सिर है मोरपखा मेरो पति सोई।

तात मात भ्रात बंधु आपनो न कोई॥

छांड़ि दई कुलकी कानि कहा करिहै कोई॥

संतन ढिग बैठि बैठि लोकलाज खोई॥

चुनरीके किये टूक ओढ़ लीन्हीं लोई।

मोती मूंगे उतार बनमाला पोई॥

अंसुवन जल सींचि-सींचि प्रेम-बेलि बोई।

अब तो बेल फैल गई आणंद फल होई॥

दूध की मथनियां बड़े प्रेम से बिलोई।

Hope it helps you mate...

माखन जब काढ़ि लियो छाछ पिये कोई॥

भगति देखि राजी हुई जगत देखि रोई।

दासी मीरा लाल गिरधर तारो अब मोही॥

Similar questions