प्लास्टिक वरदान या अभिशाप शिक्षक पर निबंध लिखें प्लास्टिक वरदान या अभिशाप शिक्षक पर निबंध लिखिए
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जिस समय प्लास्टिक चलन में आयी थी तो लोगों को प्लास्टिक की थैली वरदान से कम नहीं लगती थी। लेकिन आज इसके जो दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं उससे यही साबित हो रहा है कि यह अभिशाप बन गयी है। आज प्लास्टिक व पॉलीथिन पर्यावरण एवं प्राणी जीवन के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन गयी है। सर्वाधिक नुकसान तो पॉलीथिन की थैलियों से हुआ है। इससे पशुओं को नुकसान प्रचुर मात्रा में हो रहा है। हम पॉलीथिन के बैग में सामान लाते हैं और फिर उसे कूड़े के ढेर में फेंक देते हैं। इसे जानवर खा जाते हैं और इससे उनकी मौत तक हो जाती है। पॉलीथिन को जलाने से कार्बन डाईऑक्साइड जैसी विषैली गैस उत्सर्जित होती है। इससे तमाम बीमारियां पैदा होती है। इससे निकलने वाला हाइड्रो कार्बन कैंसर जैसी बीमारी को प्रश्रय देता है। पॉलीथिन के दुष्प्रभाव से एक वर्ष में ही लाखों जीवों की मौत हो जाती है। ओजोन की परत में छेद होने के मुख्य कारण प्लास्टिक को ही माना जा रहा है। अब प्लास्टिक का बहिष्कार करने का समय आ गया है अन्यथा प्रकृति विनाश की ओर बढ़ती चली जाएगी।
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पॉलीथिन से नुकसान
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