Science, asked by chintu7852, 1 year ago

प्लास्टर ऑफ़ पेरिश क्या है। इसके निर्माण की विधि ।

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Answered by anupam78
63
plaster of peris CuSo4 1/2 H2Oप्लास्टर (Plaster) से तीन पदार्थों का बोध होता है-

(१) जिप्सम प्लास्टर (या पेरिस प्लास्टर)
(२) चूना प्लास्टर (Lime plaster)
(३) सीमेंट प्लास्टर (cement plaster)
पेरिस प्लास्टर संपादित करें
इसे 'प्लास्टर ऑफ पेरिस' भी कहा जाता है। यह निर्जलित जिप्सम है, जो प्राय: श्वेत चूर्ण के रूप में मिलता है। यदि विशुद्ध जिप्सम (CaSo4. 2H2O) को 1000 से 1900 सें॰ तक गरम किया जाय, तो जलांश का तीन चौथाई भाग निकल जाता है और परिणामी पदार्थ पेरिस प्लास्टर (CaSO4. ½H2O) कहलाता है।

पेरिस प्लास्टर पानी के संपर्क में आते ही शीघ्र ही उससे मिलकर जिप्सम बन जाता है। जमने या कठोर होने में बहुत कम समय लगता है। सामान्यतः इसके लिये 5 से 15 मिनट तक पर्याप्त होता है इसलिये जमने में विलंब कराने वाले कुछ पदार्थ मिलाना आवश्यक होता है। इनसे जमने का समय बढ़कर 20 से 40 मिनट तक हो जाता है। विलंबन के लिये प्रयुक्त होने वाले अनेक पदार्थ हैं, किंतु व्यापक प्रयोग में आने वाला विलंबक प्राय: पशुप्रांगण या संवेष्टनशालाओं के कूड़े कचरे से ही बनता है।

पानी मिलने पर जब यह जमता है, तब कुछ ऊष्मा उत्पन्न होती है और आयतन में वृद्धि के कारण ही यह रंगने या पॉलिश की जाने वाली लकड़ी या पलस्तर को दरारों ओर छेदी में भरने के लिये तथा साँचों में ढालकर विविध प्रकार की वस्तुएँ बनाने के लिये विशेष उपयुक्त होता है। पेरिस प्लास्टर का प्रयोग सजावटी पलस्तर में भी होता है। इस कार्य के लिये यह सवर्त्तोम है, क्योंकि इसके प्रयोग से कठोर तल, तीव्र रैखिक उभार और धारें सरलता से बनती हैं और सुदृढ़ होती हैं। इसकी शीघ्र जमने की प्रकृति ढलाई के लिये तो उपयोगी है, किंतु दीवार पर पलस्तर करने के लिये इसे अनुपयुक्त कर देती है। अपने स्थान पर ढाली गई और पूवनिर्मित, दोनों ही प्रकार की छतें बनाने के लिये इसका व्यापक प्रयोग होता है।

बनाने की विधि---

जिप्सम को 150 पर गर्म करने पर प्लास्टर ऑफ पेरिस बनता है।

Anonymous: hi
Answered by syed2020ashaels
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Answer:

प्लास्टर ऑफ पेरिस को प्लास्ट पेरिस भी कहा जाता है। यह एक सफेद पाउडर या पाउडर है। जब जिप्सम को 1000 से 1900 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच गर्म किया जाता है। तो वह पदार्थ जो जलने के बाद रहता है। इसे प्लास्टर ऑफ पेरिस कहते हैं।

जब प्लास्टर ऑफ पेरिस में पानी डाला जाता है। तो यह जिप्सम बन जाता है। इसके बाद यह 15 से 20 मिनट में जम जाता है। इसी गुण के कारण प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग लकड़ी की वस्तुओं में दरारें और छेद भरने के लिए किया जाता है।

प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने के लिए जिप्सम को एक भट्टी के अंदर 373K के तापमान पर गर्म किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में तीन चौथाई हिस्सा जल जाता है। और जो चीजें जलने के बाद बची रहती हैं। इसे प्लास्टर ऑफ पेरिस कहते हैं।

सीएएसओ4. 2 H2O → CaSO4 । 1/2 एच2ओ + 3/2 एच2ओ

अपने भौतिक गुणों के कारण विभिन्न उद्योगों में प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग किया जाता है। प्लास्टर ऑफ पेरिस के निम्नलिखित उपयोग हैं:

  • प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग टूटी हुई हड्डी की मरम्मत के लिए किया जाता है। जब इंसान की हड्डी टूट जाती है। तो डॉक्टर हड्डी को पूरी तरह से व्यवस्थित करने के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस करते हैं।
  • प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग मूर्तिकला और शिल्प उद्योग में विभिन्न आकारों की मूर्तियां बनाने के लिए किया जाता है। गणपति उत्सव में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों का भी उपयोग किया जाता है।
  • प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग घरों में सजावट के विभिन्न सामान बनाने के लिए किया जाता है। घरों में पीओपी की छतें बनाई जाती हैं। इसे प्लास्टर ऑफ पेरिस से ही बनाया गया है।
  • प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग लकड़ी की वस्तुओं में दरारें और छेद भरने के लिए किया जाता है।
  • प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग घरों की दीवारों में आई दरारों और छिद्रों को भरने के लिए किया जाता है।
  • प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग दांतों के उपचार में विभिन्न प्रयोजनों के लिए भी किया जाता है।

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