प्लासी युद्ध के कया कारण थे
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Answer: क्लाइव ने शीघ्र ही नवाब के विरुद्ध षड्यन्त्र की योजना तैयार कर ली, किन्तु मूर्ख नवाब अंग्रेजों की कूटनीतिक चालों को समझने में पूर्णतया असमर्थ रहा। यदि उसकी आँखें समय पर खुल जाती और वह मीर. जाफर, अमीचन्द आदि को बन्दी बना लेता, तो शायद अंग्रेज कभी भी अपने षड्यन्त्र में सफल न होते। 12 जून,1757 को मीर जाफर ने क्लाइव को पत्र भेजकर सूचित किया कि अब वह नवाब के विरुद्ध सीधी कार्यवाही आरम्भ कर सकता है। शीघ्र ही क्लाइव ने सिराजुद्दौला को एक पत्र लिखा और उस पर अनेक आरोप लगाकर युद्ध की धमकी दी। पत्र को पाकर नवाब की आँखें खुल गईं, किन्तु अब परिस्थिति उसके हाथ से निकल चुकी थी। फिर भी उसने अंग्रेजों से युद्ध करने का निश्चय किया। शीघ्र ही वह मीर जाफर के साथ सेना लेकर प्लासी के मैदान में पहुँच गया। उसकी सेना में 50 हजार सैनिक थे। इधर क्लाइव भी सेना लेकर प्लासी के मैदान में आ गया। पहले तो क्लाइव नवाब की विशाल सेना देखकर भयभीत हो गया, किन्तु सेना में अपने सहयोगी मीर जाफर को देखकर उसे सन्तोष प्राप्त हुआ। मीर जाफर द्वारा संकेत मिलते ही क्लाइव ने नवाब की सेना पर आक्रमण कर दिया। 23 जून,1757 को प्लासी का युद्ध आरम्भ हुआ। नवाब की सेना ने बड़ी वीरता और साहस के साथ युद्ध किया, किन्तु अन्त में वह पराजित हुई। मीर जाफर चुपचाप नवाब की पराजय को देखता रहा। उसने युद्ध में भाग नहीं लिया। अब नवाब को उसकी गद्दारी का पता चला। उसने अपने प्राणों की रक्षा के लिए युद्धभूमि से भागने का प्रयत्न किया, किन्तु बन्दी बनाकर मीर जाफर के पुत्र मीरन द्वारा मार डाला गया। इस प्रकार विश्वासघात और धूर्तता के साथ लड़ा गया प्लासी का ऐतिहासिक युद्ध समाप्त हो गया।