Hindi, asked by mehak527, 10 months ago

पुलक प्रगट करती है धरती
हरित तृणों की नोकों से,
मानो झूम रहे हैं तरु भी
मंद पवन के झोंकों से।


धरती अपना पुलक कैसे प्रकट करती है?

plzzz. answer the question with the help of this stanza​

Answers

Answered by AyteshamSayyed
1

Answer:

तरु किस चीज़ से झूम रहे है?

Answered by franktheruler
0

पुलक प्रगट करती है धरतीहरित तृणों की नोकों से,मानो झूम रहे हैं तरु भीमंद पवन के झोंकों से।

धरती अपना पुलक कैसे प्रकट करती है?

धरती हरी घास के तिनको की चोंच के माध्यम से अपने आनन्द को व्यक्त कर रही है

  • प्रस्तुत पंक्तियां " चारु चन्द्र की चंचल किरणें " कविता से ली गई है। इस कविता के रचयिता है मैथिलीशरण गुप्त जी।
  • इन पंक्तियों में पंचवटी में भगवान श्री राम, माता सीता तथा अनुज लक्ष्मण द्वारा बिताई गई चांदनी रात का वर्णन किया है।
  • भगवान राम तथा माता सीता विश्राम कर रहे है तथा लक्ष्मण कुटिया के बाहर पहरा दे रहे है।
  • गुप्त जी ने लक्ष्मण की मन स्थिति का वर्णन किया है तथा किरणें किस प्रकार खेल रही है यह दर्शाया है।
  • पृथ्वी घास के तिनकों की नोक के माध्यम से अपनी प्रसन्नता प्रकट कर रही है, ऐसा लगता है कि पेड़ भी मंद हवा के झोंकों से झूम रहे है।

#SPJ3

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