Hindi, asked by atapkire34, 10 months ago

पुलकि
सरिर सभा भऍ ठाढे ​

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Answered by fecenos612
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Answer:

पुलकि सरीर सभाँ भए ठाढ़े। नीरज नयन नेह जल बाढ़े॥

कहब मोर मुनिनाथ निबाहा। एहि तें अधिक कहौं मैं काहा॥2॥

Explanation:

शरीर से पुलकित होकर वे सभा में खड़े हो गए। कमल के समान नेत्रों में प्रेमाश्रुओं की बाढ़ आ गई। (वे बोले-) मेरा कहना तो मुनिनाथ ने ही निबाह दिया (जो कुछ मैं कह सकता था वह उन्होंने ही कह दिया)। इससे अधिक मैं क्या कहूँ?॥2॥

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