पालमपुर गांव की कहानी किसे इंगित करती है क्लास नाइंथ
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पालमपुर गांव की कहानी उत्पादन से संबंधित कुछ मूल विचारों को इंगित करती है ।
पालमपुर गांव की कहानी उत्पादन से संबंधित कुछ मूल विचारों को इंगित करती है ।पालमपुर में खेती मुख्य क्रिया है, जबकि अन्य कई क्रियाएँ जैसे, लघु-स्तरीय विनिर्माण, डेयरी, परिवहन आदि सीमित स्तर पर की जाती हैं।
पालमपुर गांव की कहानी उत्पादन से संबंधित कुछ मूल विचारों को इंगित करती है ।पालमपुर में खेती मुख्य क्रिया है, जबकि अन्य कई क्रियाएँ जैसे, लघु-स्तरीय विनिर्माण, डेयरी, परिवहन आदि सीमित स्तर पर की जाती हैं।प्रत्येक मौसम में यह सड़क गाँव को रायगंज और उससे आगे निकतम छोटे कस्बे शाहपुर से जोड़ती है।
तम छोटे कस्बे शाहपुर से जोड़ती है।इस सड़क पर गुड़ और अन्य वस्तुओं से लदी हुई बैलगाड़ियाँ, भैंसाबग्घी से लेकर अन्य कई तरह के वाहन जैसे, मोटरसाइकिल, जीप, ट्रैक्टर और ट्रक तक देखे जा सकते हैं।
तम छोटे कस्बे शाहपुर से जोड़ती है।इस सड़क पर गुड़ और अन्य वस्तुओं से लदी हुई बैलगाड़ियाँ, भैंसाबग्घी से लेकर अन्य कई तरह के वाहन जैसे, मोटरसाइकिल, जीप, ट्रैक्टर और ट्रक तक देखे जा सकते हैं।इस गाँव में विभिन्न जातियों के लगभग 450 परिवार रहते हैं।
तम छोटे कस्बे शाहपुर से जोड़ती है।इस सड़क पर गुड़ और अन्य वस्तुओं से लदी हुई बैलगाड़ियाँ, भैंसाबग्घी से लेकर अन्य कई तरह के वाहन जैसे, मोटरसाइकिल, जीप, ट्रैक्टर और ट्रक तक देखे जा सकते हैं।इस गाँव में विभिन्न जातियों के लगभग 450 परिवार रहते हैं।गाँव में अधिकांश भूमि के स्वामी उच्च जाति के 80 परिवार हैं।
तम छोटे कस्बे शाहपुर से जोड़ती है।इस सड़क पर गुड़ और अन्य वस्तुओं से लदी हुई बैलगाड़ियाँ, भैंसाबग्घी से लेकर अन्य कई तरह के वाहन जैसे, मोटरसाइकिल, जीप, ट्रैक्टर और ट्रक तक देखे जा सकते हैं।इस गाँव में विभिन्न जातियों के लगभग 450 परिवार रहते हैं।गाँव में अधिकांश भूमि के स्वामी उच्च जाति के 80 परिवार हैं।उनके मकान, जिनमें से कुछ बहुत बड़े हैं. ईंट और सीमेंट के बने हुए हैं।
तम छोटे कस्बे शाहपुर से जोड़ती है।इस सड़क पर गुड़ और अन्य वस्तुओं से लदी हुई बैलगाड़ियाँ, भैंसाबग्घी से लेकर अन्य कई तरह के वाहन जैसे, मोटरसाइकिल, जीप, ट्रैक्टर और ट्रक तक देखे जा सकते हैं।इस गाँव में विभिन्न जातियों के लगभग 450 परिवार रहते हैं।गाँव में अधिकांश भूमि के स्वामी उच्च जाति के 80 परिवार हैं।उनके मकान, जिनमें से कुछ बहुत बड़े हैं. ईंट और सीमेंट के बने हुए हैं।अनुसूचित जाति (दलित) के लोगों की संख्या गाँव की कुल जनसंख्या का एक तिहाई है और वे गाँव के एक कोने में काफी छोटे घरों में रहते हैं, जिनमें कुछ मिट्टी और फूस के बने हैं।
तम छोटे कस्बे शाहपुर से जोड़ती है।इस सड़क पर गुड़ और अन्य वस्तुओं से लदी हुई बैलगाड़ियाँ, भैंसाबग्घी से लेकर अन्य कई तरह के वाहन जैसे, मोटरसाइकिल, जीप, ट्रैक्टर और ट्रक तक देखे जा सकते हैं।इस गाँव में विभिन्न जातियों के लगभग 450 परिवार रहते हैं।गाँव में अधिकांश भूमि के स्वामी उच्च जाति के 80 परिवार हैं।उनके मकान, जिनमें से कुछ बहुत बड़े हैं. ईंट और सीमेंट के बने हुए हैं।अनुसूचित जाति (दलित) के लोगों की संख्या गाँव की कुल जनसंख्या का एक तिहाई है और वे गाँव के एक कोने में काफी छोटे घरों में रहते हैं, जिनमें कुछ मिट्टी और फूस के बने हैं।अधिकांश के घरों में बिजली है। खेतों में सभी नलकूप बिजली से ही चलते हैं और इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के छोटे कार्यों के लिए भी किया जाता है।
तम छोटे कस्बे शाहपुर से जोड़ती है।इस सड़क पर गुड़ और अन्य वस्तुओं से लदी हुई बैलगाड़ियाँ, भैंसाबग्घी से लेकर अन्य कई तरह के वाहन जैसे, मोटरसाइकिल, जीप, ट्रैक्टर और ट्रक तक देखे जा सकते हैं।इस गाँव में विभिन्न जातियों के लगभग 450 परिवार रहते हैं।गाँव में अधिकांश भूमि के स्वामी उच्च जाति के 80 परिवार हैं।उनके मकान, जिनमें से कुछ बहुत बड़े हैं. ईंट और सीमेंट के बने हुए हैं।अनुसूचित जाति (दलित) के लोगों की संख्या गाँव की कुल जनसंख्या का एक तिहाई है और वे गाँव के एक कोने में काफी छोटे घरों में रहते हैं, जिनमें कुछ मिट्टी और फूस के बने हैं।अधिकांश के घरों में बिजली है। खेतों में सभी नलकूप बिजली से ही चलते हैं और इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के छोटे कार्यों के लिए भी किया जाता है।पालमपुर में दो प्राथमिक विद्यालय और एक हाई स्कूल है।