पालमपुर गांव की सामाजिक संरचना कैसी है?
Answers
Answer:
जैसे-जैसे लोग सभ्यता की ओर बढ़ते हैं, समस्या बढ़ती जा रही है, जिसकी शुरुआत मानव अस्तित्व के पैटर्न से होती है। लोगों की संस्कृति को बदलना लोग अपनी समस्याओं को लेकर आगे बढ़े हैं। लोग सोच सकते हैं कि अगर तस्वीर में खलनायक नहीं है, तो तस्वीर अच्छी नहीं है और अगर कोई समस्या नहीं है, तो मानव आंदोलन की गति नहीं फैलती है। अतः सभ्यता का उत्थान-पतन समानांतर रूप से चल रहा है, हालाँकि क्षेत्र में भिन्नता के कारण स्थिति भी थोड़ी भिन्न होती है। फिर भी एक समय उनकी गणना उसी लय से मेल खाती थी। मानव सभ्यता बहुत पुरानी है लेकिन अगर चित्र बनाने का काम पुराना नहीं है तो ऐसे उदाहरण का कोई मतलब नहीं है। यह समस्या सभ्यता के आदि काल से चली आ रही है। यद्यपि यह मुद्दा लंबे समय से वर्णनात्मक रहा है, हाल के दिनों में मानवीय समस्याओं के समाधान के लिए दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। समाज के विभिन्न पहलुओं के विश्लेषण के माध्यम से शोधकर्ताओं को सही सामाजिक शोधकर्ताओं के सिद्धांतों, मॉडल निर्माण और बड़ी मात्रा में सामाजिक शोध के लिए भी तैयार किया गया है।
Explanation:
I hope it will help you
Stay home stay safe