पानी बाढ़ो नाव में, घर में बाढ़ी दाम।
दोनों हाथ उलीचिए, यही सयानो कामा
त्यही सयानो काम, राम को सुमिरन कीजै।
परस्वारथ के काज, शीश अपनो धरि दीजी)
कह गिरिधर कविराय, बड़ेन की याही बानी।
चलिए चाल सुचाल, राखिए अपनो पानी।।
Answers
Answered by
0
Answer:
good pome but what is the question
Answered by
0
पानी बाढ़ो नाव में, घर में बाढ़ो दाम। दोऊ हाथ उलीचिए, यही सयानो काम। यही सयानो काम, राम को सुमिरन कीजै। परस्वारथ के काज, शीश आगे धर दीजै। कह गिरिधर कविराय बड़न की याही बानी। चलिए चाल सुचाल, राखिए अपनो पानी।।
Similar questions