Hindi, asked by vikki50, 4 months ago


पानी की कहानी
1. "मैं और गहराई की खोज में किनारों से दूर गई तो मैंने एक ऐसी वस्तु देखी कि मैं चौंक पड़ी। अब तक
समुद्र में अँधेरा था, सूर्य का प्रकाश कुछ ही भीतर तक पहुँच पाता था और बल लगाकर देखने के कारण मेरे
नेत्र दुखने लगे थे। मैं सोच रही थी कि यहाँ पर जीवों को कैसे दिखाई पड़ता होगा कि सामने ऐसा जीव
दिखाई पड़ा मानो कोई लालटेन लिए घूम रहा हो। यह एक अत्यंत सुंदर मछली थी। इसके शरीर से एक
प्रकार की चमक निकलती थी जो इसे मार्ग दिखलाती थी। इसका प्रकाश देखकर कितनी छोटी-छोटी
अनजान मछलियाँ इसके पास आ जाती थीं और यह जब भूखी होती थी तो पेट भर उनका भोजन करती थी।"


2. इसी स्थान के आस-पास एक दुर्घटना होते-होते बची। हम लोग अपनी इस खोज से इतने प्रसन्न थे कि
अंधा-धुंध बिना मार्ग देखे बढ़े जाते थे। इससे अचानक एक ऐसी जगह जा पहुँचे जहाँ तापक्रम बहुत ऊँचा था।
यह हमारे लिए असह्य था। हमारे अगुवा काँपे और देखते-देखते उनका शरीर ओषजन और हुद्रजन में विभाजित
हो गया। इस दुर्घटना से मेरे कान खड़े हो गए। मैं अपने और बुद्धिमान साथियों के साथ एक ओर निकल
भागी।
(1) बूंद कहाँ गई थी?
(2) बूंद को कैसा जीव दिखाई दिया ?
(3) वहाँ क्या दुर्घटना घटी?​

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Answers

Answered by soyebmalek83
1

Answer:

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Answered by abhishek029367
1

Explanation:

1) गहराई की खोज में किनारों से दूर गई

2) ऐसा जीव दिखाई पड़ा मानो कोई लालटेन लिए घूम रहा हो

3) ऐसी जगह जा पहुँचे जहाँ तापक्रम बहुत ऊँचा था।

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