Hindi, asked by kasthurikannan2, 4 months ago

पानी की कहानी class 8 summary in english

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Answered by jain9383
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Answered by jha60617
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“पानी की कहानी” में एक ओस की बून्द अपनी रक्षा के लिए बेर के पेड़ पर से लेखक की हथेली पर कूद जाती है और उसे अपनी कहानी सुनाना शुरू करती है। ओस की बूँद कहती है कि अरबों वर्ष पहले ‘हाइड्रोजन’ और ’ऑक्सीजन’ के मिलने से उसका जन्म हुआ। जब पृथ्वी का तापमान घटा तो वह बर्फ के रूप में बदल गई और जब बर्फ का सामना गर्म धारा से हुआ तो वह पिघल कर समुद्र के पानी में मिल गई। समुद्र की गहराई की यात्रा करने की इच्छा ने उसे समुद्र की गहराई में ले लिया। वहाँ से वह ऊपर ना आ सकी और वह वही वर्षों तक समुद्र की चट्टानों से होते हुए ज़मीन में सहारे ज्वालामुखी तक पहुँच गई। वह से उसे तेज गति के साथ भाप की स्थिति में आकाश में भेज दिया गया और वहाँ आँधी में मिल जाना पड़ा और जब बहुत से वाष्प कण मिल गए तो भार अधिक होने के कारण वे बारिश के रूप में पहाड़ पर आ गिरी। पहाड़ पर से अपने साथियों के साथ तेज़ी से एक ऊँची जगह से नीचे गिरी और नीचे पत्थर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। वहां से समतल भूमि की तलाश में नदी की धारा के साथ बहते हुए कभी मिट्टी का कटान किया, तो कभी पेड़ों की जड़ों को खोखला कर के उनको गिरा दिया। अपनी जिज्ञासा के कारण कारखाने के नलों में कई दिनों तक फसे रहने के बाद भाग्य के साथ देने पर एक टूटे नल से बाहर निकल कर वापिस भूमि द्वारा सोख लेने पर बेर के पेड़ तक पहुँच गई। बेर के पेड़ की जड़ों के रोएँ द्वारा खींच लेने पर कई दिनों तक वहीं फसे रहने पर पत्तों के छोटे-छोटे छेदों के द्वारा बाहर निकल गई। रात होने के कारण वहीं सुबह का इन्तजार करती रही और सुबह लेखक को देख कर अपनी रक्षा की खातिर उसकी हथेली पर कूद पड़ी और सूरज के निकलते ही वापिस भाप बन कर उड़ गई।

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