Hindi, asked by sunita4930, 10 months ago


पानी की कहानी" के आधार पर पानी के जन्म और जीवन
पात्रा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए?

Answers

Answered by ripusingh0189
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Answer:

पानी का जन्म हाइड्रोजन और ऑक्सीजन नामक दो गैसों के रासायनिक मेल से हुआ है।

उन दिनों पानी वाष्प के रूप में होता था तथा पृथ्वी के चारों ओर मौजूद था।

इसके बाद पानी के रूप और गुणों में परिवर्तन हुआ तथा वाष्प से परिवर्तित होकर यह बर्फ के ठोस रूप में आ गया।

भाप रूप में पानी बहुत विस्तृत था लेकिन ठोस रूप में आने पर में आने पर यह सीमित एवं छोटा हो गया। पहले के मुकाबले अब यह उसका सतरहवां भाग शेष रह गया था।

इसके बाद अचानक सूर्यताप आया और उसने तो स्वरूप पहले पानी की सुंदरता बदल दी। सारी बर्फ पिघल कर पानी बन गई। कुछ पानी नदियों में मिल गया; कुछ पानी समुद्र में जाकर मिल गया और कुछ जल कण आंधी के साथ उड़कर वायुमंडल में पहुंच गए।

इसके बाद अचानक सूर्यताप आया और उसने तो स्वरूप पहले पानी की सुंदरता बदल दी। सारी बर्फ पिघल कर पानी बन गई। कुछ पानी नदियों में मिल गया; कुछ पानी समुद्र में जाकर मिल गया और कुछ जल कण आंधी के साथ उड़कर वायुमंडल में पहुंच गए।आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

Answered by Braɪnlyємρєяσя
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पानी का जन्म (ह्द्रजन) हाइड्रोजन व (ओषजन) ऑक्सीजन के बीच रासायनिक प्रक्रिया द्वारा होता है। जब ब्रह्मांड में पृथ्वी व उसके साथी ग्रहों का उद्भव भी नहीं हुआ था तब ब्रह्मांड में हाइड्रोजन व ऑक्सीजन दो गैसें सूर्यमंडल में लपटों के रूप में विद्यमान थीं। किसी उल्कापिंड के सूर्य से टकराने से सूर्य के टुकडें कड़े हो गए उन्हीं टुकड़ों में से एक टुकड़ा पृथ्वी रूप में उत्पन्न हुआ और इसी ग्रह में ऑक्सीजन व हाइड्रोजन के बीच रासायनिक क्रिया हुई और दोनों के संयोग से पानी का जन्म हुआ।

सर्वप्रथम बूँद भाप के रूप में पृथ्वी के वातावरण में ईद-गिर्द घूमती रहती है, तत्पश्चात ठोस बर्फ के रूप में विद्यमान हो जाती है। समुद्र से होती हुई वह गर्म-धारा से मिलकर ठोस रूप को त्यागकर जल का रूप धारण कर लेती है।

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