Hindi, asked by missmansig, 5 months ago

पानी के महत्व अथवा त्योहारों का महत्व शीर्षक पर अनुच्छेद लिखिए​

Answers

Answered by studay07
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Answer:

  • जल का महत्व

पृथ्वी पर 72% है। जो महासागरों, झीलों, नदियों और छोटे बाँधों से भरा है। लेकिन जो महासागरों में है वह नहीं पी रहा है इसमें उच्च अशुद्धियाँ हैं और जो फ़िल्टर करने के लिए महंगा इलाज करता है। पृथ्वी पर केवल 2% ही पीने योग्य है। इसलिए हम इसके महत्व का अनुमान लगा सकते हैं।

जैविक की दृष्टि में महत्व

हमारे शरीर के अधिकांश भाग तरल रूप में हैं जिनके लिए उच्च मात्रा की आवश्यकता होती है। जगह में अंग को सुरक्षित रखता है और झटके को भी अवशोषित करता है।

शरीर को रक्त और लार, बलगम जैसे कई घटक बनाने की आवश्यकता होती है।

शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है और ठीक करता है।

शरीर को संक्रमण से भी सुरक्षित रख सकता है।

न केवल शरीर के लिए, पृथ्वी पर सभी जीवों और पौधों के लिए एक बहुत ही मूलभूत आवश्यकता है।

  • त्योहार का महत्व

त्योहार भारतीय संस्कृति का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। भारत विविधता में एकता का एक अच्छा उदाहरण है। हर राज्य में अलग-अलग त्योहार और संस्कृति होती है। त्योहार खुशियों का प्रतीक हैं। भारत में दिवाली एक प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण त्योहार है। जो सभी धर्मों के लिए है।

हम विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ खाते हैं। त्योहारों के कारण, हम अपने रिश्तेदारों से मिलते हैं जो महत्वपूर्ण है क्योंकि हम हमेशा काम में व्यस्त रहते हैं। और हमारे परिवार को समय देना भूल गया। त्योहारों के कारण भी हम एक जगह पर इकट्ठा होते हैं और जश्न मनाते हैं, हम अपने तनाव को भूल जाते हैं और आनंद लेते हैं। त्योहार सबसे अच्छी यादगार यादों का कारण हैं।

Answered by shailajavyas
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Answer: अनुच्छेद १ -: पानी के महत्व

                        पानी से ही जिन्दगी की कहानी है यदि ऐसा कहा जाय तो अतिश्योक्ति नहीं होगी | बड़ी -बड़ी संस्कृतियाँ और सभ्यताएं नदियों के किनारे ही पनपी है क्योंकि पानी से जीवन की जरूरतों का निर्वहन होता है | जिंदगी का सौंदर्य पानी में ही तो छिपा हुआ है जो कहीं मोती की आब बनकर प्रस्तुत होता है तो कहीं गंगा-जमुनी संस्कृति के रूप में उजागर होता है | संभवत :पानी की इसी महत्ता के कारण रहीम जी ने पानी को मनुष्य की इज्ज़त के रूप में ,मोती की आब {चमक,आभा } और आटे की अनिवार्य आवश्यकता माना है और कह दिया कि  "रहिमन पानी रखिये बिन पानी सब सून | पानी गए न उबरे मोती मानुष चून || "

अनुच्छेद २  -:  त्योहारों का महत्व

                     हमारे देश में त्योहारों का बहुत महत्त्व है | ये त्योहार धार्मिक आधार पर मनाये जा रहे हो या नव -वर्ष के आगमन के रूप में ,फसल की कटाई के रूप में हो या खलिहानों में अनाज भरे जाने की खुशी में | राष्ट्रीय पर्व के रूप में हो या महापुरुषों की याद में हो  | सभी त्यौहार में क्षेत्रीय प्रभाव होने के साथ -साथ  ये जीवन में उल्लास भर देते है | यदि त्योहार हमारे जीवन में न हो तो हमारा जीवन नीरस ही हो जायेगा | होली, दीवाली, रक्षाबंधन, भाई -दूज दशहरा,नवरात्री ,ईद ,क्रिसमस, वैशाखी या अन्य राष्ट्रीय पर्व ही क्यों न हों  | सभी धूम -धाम से मनाये  जाते है  | उमंग और खुशहाली का त्योहारों में खजाना भरा पड़ा होता है |

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